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दिल्ली दंगा: अंकित की हत्या में सलमान गिरफ़्तार, ताहिर से रिश्ते पर सस्पेंस

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दंगों के दौरान मारे गये इंटेलीजेंस ब्यूरो के अफ़सर अंकित शर्मा की हत्या के मामले में एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है। इस शख़्स का नाम सलमान उर्फ हसीन बताया गया है और वह दिल्ली के ही नंद नगरी इलाक़े का रहने वाला है। पुलिस सलमान की तलाश में काफ़ी दिनों से जुटी थी। लेकिन सलमान से पुलिस को जितनी जानकारी मिली है, उससे अंकित की हत्या का ताहिर हुसैन से संबंध जुड़ता नहीं दिखता। 

अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक अफ़सर ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया, ‘सलमान एक कथित अपराधी के लिये काम करता है। हमने उनकी फ़ोन कॉल को इंटरसेप्ट किया और सलमान के नंबर को भी टेक्निकल सर्विलांस पर डाल दिया। इसमें सलमान फ़ोन पर बात कर रहा है कि उसने और भीड़ ने किस तरह एक शख़्स की हत्या की।’ 

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अख़बार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बातचीत के दौरान सलमान ने कहा कि 23 फ़रवरी को वह सदर बाज़ार में था और तब उसे वॉट्सऐप पर पता चला कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हो गये हैं और एक आदमी की मौत हो गई है। अफ़सर ने अख़बार से कहा, ‘कुछ संदेशों में लोगों से चांद बाग की ओर आने के लिये कहा गया। सलमान और उसका दोस्त खजूरी खास चौक तक बस में गये और उसके बाद चांद बाग पहुंचे। यहां उनके कुछ दोस्त रहते हैं। वे यहां रात भर रुके।’ अफ़सर ने दावा किया कि सलमान बातचीत के दौरान कहता है कि उसने 24 फ़रवरी को एक बिल्डिंग से पत्थरबाज़ी की। 

अफ़सर ने दावा किया कि फ़ोन पर बातचीत के दौरान सलमान ने कहा कि 25 फ़रवरी को दोनों समुदायों के लोग चांदबाग में एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे। सलमान ने इस बात का ख़ुलासा किया कि उसने और भीड़ ने अंकित को देखते ही उसे दबोच लिया और एक घर में ले गये, मरने तक चाकू मारे और उसकी नग्न लाश को नाले में डाल दिया। पुलिस सलमान के चार साथियों को पकड़ने के लिये भी छापेमारी कर रही है। 

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ताहिर ने की थी पुलिस को कॉल 

अंकित के पिता रविंदर शर्मा ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन ने अपने घर पर गुंडों को इकट्ठा किया और उन्होंने अपने घरों की छत से पेट्रोल बम फेंके और फ़ायरिंग की। अंकित के परिजनों ने ताहिर हुसैन और उनके समर्थकों पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया है लेकिन ताहिर ने ख़ुद को बेकसूर बताया है। दंगों वाले दो दिन यानी 24 और 25 फ़रवरी को ताहिर हुसैन के द्वारा दिल्ली पुलिस को पांच बार कॉल की थी। 

हत्या की वजह कुछ और

यह भी बात सामने आ रही है कि अंकित की हत्या की वजह धार्मिक नफ़रत नहीं कुछ और हो सकती है। अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया (टीओआई) में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ 25 फ़रवरी को शाम 5 बजे अंकित अपने कुछ दोस्तों के साथ घर से थोड़ी दूर एक पुलिया के किनारे खड़ा था और दूसरी ओर से जबरदस्त पथराव हो रहा था। तभी एक पत्थर अंकित को लगा और वह गिर गया। दूसरी ओर से तीन-चार लोग आये, उन्होंने अंकित को दबोच लिया और उसे घसीटते हुए दूसरी ओर ले गये। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने किसी दूसरे शख़्स को छुआ तक नहीं। 

पुलिस का कहना है कि अंकित के शव की हालत देखकर साफ पता चलता है कि बदला लेने के इरादे से अंकित की हत्या की गई है क्योंकि भीड़ के द्वारा किसी को इतनी बेरहमी से नहीं मारा जाता। यानी जिस तरह अंकित की हत्या हुई है, उसके पीछे कोई कारण ज़रूर है, कोई गहरी नफ़रत या फिर कुछ और।

सलमान अपनी बातचीत में कहीं भी ताहिर हुसैन के बारे में या उसके घर के बारे में कोई जिक्र नहीं करता। जबकि अंकित के परिजनों ने कहा है कि ताहिर के घर से निकले लोगों ने उनके बेटे की हत्या की है। ताहिर ने कहा है कि वह अपना नार्को टेस्ट कराने के लिये तैयार हैं। दंगों के दूसरे दिन यानी 25 फ़रवरी को ताहिर के अपने घर में होने या न होने को लेकर पुलिस की पहले ही किरकिरी हो चुकी है। 

क्यों की गई हत्या, पता नहीं

दिल्ली के दंगों में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन बीजेपी के नेता इसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन और अंकित शर्मा की हत्या पर ही सबसे जोर देते हैं। सलमान अपनी बातचीत में इस बात को कबूल करता है कि उसने भीड़ के साथ मिलकर अंकित की हत्या की है। पुलिस भी कहती है कि अंकित की हत्या टारगेट किलिंग है। लेकिन सवाल यह है कि पुलिस अभी तक यह नहीं पता कर पाई है कि अंकित की हत्या किस मक़सद से की गई। इस सवाल का जवाब मिलने तक कई सवाल अनसुलझे ही रहेंगे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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