कई विशेषज्ञों ने पहले जो चिंता जताई थी कि कोरोना संक्रमण से युवाओं के बाद बच्चों को ख़तरा है, वह अब सही साबित होता दिख रहा है। ताज़ा आँकड़े आए हैं कि 1-10 साल के बच्चों में संक्रमण क़रीब दोगुना ज़्यादा हुआ है। कोरोना से निपटने में आपात नीति बनाने के लिए बनाए गए एम्पावर्ड ग्रुप के आँकड़ों के अनुसार मार्च में जहाँ सक्रिय संक्रमण के मामलों में 2.8 फ़ीसदी बच्चे थे वहीं अगस्त में यह बढ़कर 7.04 फ़ीसदी हो गया है। यानी हर 100 सक्रिय कोरोना मरीज़ों में 7 बच्चे शामिल थे। हालाँकि रिपोर्ट में हालात चिंताजनक नहीं बताई गई है, लेकिन यह सच्चाई है कि बच्चे ज़्यादा संक्रमित होने लगे हैं।
बच्चों में क्यों बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण, कितना बड़ा ख़तरा?
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- 14 Sep, 2021
बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। सरकारी आंकड़ा ही कहता है कि मार्च से अगस्त के बीच मामले बढ़े हैं। क्यों बढ़ रहे हैं मामले और कितना ख़तरा है इससे?

ज़्यादा बच्चों के संक्रमित होने को लेकर कई विशेषज्ञ आगाह करते रहे हैं। इनमें कार्डियक सर्जन और नारायण हेल्थ के अध्यक्ष और संस्थापक देवी शेट्टी भी शामिल थे। उन्होंने मई महीने में एक लेख लिखकर कहा था कि कोरोना वायरस ख़ुद को म्यूटेट या नये रूप में परिवर्तित कर रहा है जिससे कि वह नये लोगों को संक्रमित कर सके। उन्होंने कहा था कि पहली लहर के दौरान वायरस ने मुख्य तौर पर बुजुर्गों और दूसरी लहर में युवाओं पर हमला किया। फिर उन्होंने कहा था कि तीसरी लहर में बच्चों पर हमले की आशंका है क्योंकि अधिकतर युवा या तो पहले ही संक्रमित हो चुके होंगे या फिर उनमें एंडी बॉडी बन चुकी होगी। अनुमान है कि भारत में 16.5 करोड़ बच्चे 12 साल से कम उम्र के हैं।