देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी को लेकर बवाल मचा हुआ है। कोई उसके समर्थन में तो कोई उसका विरोध कर रहा है। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि इस मुद्दे को हिन्दू -मुसलिम, भारतीय -पाकिस्तानी या बांग्लादेशी के नज़रिये से देखने के पहले इस बात पर भी विचार हो कि देश में जन्म और जन्म प्रमाण पत्र के आँकड़े क्या कह रहे हैं।

भारतीयों, ख़ासतौर पर बुज़ुर्ग नागरिकों के पास जन्म प्रमाण पत्र हैं क्या? सच तो यह है कि देश में 5 साल से छोटे बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र भी बड़ी संख्या में नहीं हैं।