इज़राइल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में आए प्रस्ताव से भारत ने खुद को अलग कर लिया है। प्रस्ताव में इज़राइल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के तुरंत बाद इज़राइल के समर्थन में खड़ा होने वाले रवैये के बाद अब भारत के रुख में बदलाव आया है और इसने फिलीस्तीन पर अपनी पुरानी नीति को दोहराया है। लेकिन इस बीच जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में मुद्दा उठा तो भारत ने खुद को उससे अलग कर लिया।
इजराइल-हमास में मानवीय संघर्ष विराम वाले यूएन प्रस्ताव से भारत अलग क्यों रहा?
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 28 Oct, 2023
इज़राइल हमास युद्ध के बाद से क्या भारत उलझन में है? जानिए, हमास के हमले के तुरंत बाद इज़राइल का समर्थन करने के बाद इसने फिलीस्तीन को लेकर क्या कहा और फिर यूएन में क्या रणनीति अपनाई।

संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी यूएनजीए के 193 सदस्य 10वें आपातकालीन विशेष सत्र में फिर से जुटे थे। जॉर्डन द्वारा पेश तत्काल मानवीय संघर्ष विराम के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया गया। इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों के सहयोग से लाया गया। इस प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया। 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान नहीं किया। मतदान नहीं करने वालों में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके आदि शामिल थे।
120 in favor
— United Nations (@UN) October 27, 2023
14 against
45 abstentions
Countries adopt resolution calling for immediate & sustained humanitarian truce in the Middle East during an Emergency Special Session of #UNGA. https://t.co/XjKyOXQqu8 pic.twitter.com/nDh3Qj3MtV
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