केंद्रीय चुनाव आयोग के कर्ताधर्ता।
वोट फॉर डेमोक्रेसी ने चुनाव परिणामों और मतदाता मतदान प्रतिशत का न्यूमेरिकल (संख्यात्मक) विश्लेषण किया। सात चरणों में प्रारंभिक मतदान आंकड़ों से लेकर अंतिम मतदान आंकड़ों तक 4,65,46,885 वोट चुनाव आयोग ने बढ़ाए। यह बढ़ोतरी दर करीब 3.2% से लेकर 6.32% तक सभी निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज की गई। इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि वोट प्रतिशत का यह अंतर आंध्र प्रदेश में 12.54% और ओडिशा में 12.48% तक जा पहुंचा। दोनों राज्यों में सरकार बदली और भाजपा के घटक दल को सीटें मिलीं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मतदान प्रतिशत के बाद हुई बढ़ोतरी से सत्तारूढ़ सरकार यानी एनडीए को फायदा हुआ है।
आईआईएम अहमदाबाद के रिटायर्ड प्रोफेसर और भारत के चुनावों की निगरानी के लिए स्वतंत्र पैनल के सदस्य सेबेस्टियन मॉरिस ने कहा, “इन 79 लोकसभा क्षेत्रों में, वोटों में वृद्धि की तुलना में जीत का अंतर बहुत कम है। इन सीटों का पैटर्न कहता है कि अंतर बहुत बड़ा है, बदलाव लंबे समय के बाद आया है और यह उन निर्वाचन क्षेत्रों में देखा गया है जहां कड़ी लड़ाई थी। मुझे लगता है कि एक बहुत बड़ा पूर्वाग्रह है जो सामने आया है।''