नोएडा में कल तक जहाँ सुपरटेक ट्विन टावर थे वहाँ अब मलबे का पहाड़ है। मलबा भी इतना ज़्यादा कि निपटान करना ही एक बड़ी समस्या हो। 80 हज़ार टन। जिन टावरों को बनने में क़रीब नौ साल लगे थे और जो सिर्फ़ नौ सेकंड में ध्वस्त हो गए, उसके मलबे को हटाना इतना आसान नहीं लग रहा है। मलबे को ठिकाने लगाने में विशेषज्ञ ही इसके लिए क़रीब 90 दिन की मोहलत मांग रहे हैं।
ट्विन टावर तो ढहा दिये, 80 हज़ार टन मलबा कैसे निपटेगा?
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- 29 Aug, 2022
नोएडा के ट्विन टावर को विध्वंस करना जितना चुनौती भरा काम था अब उसके भारी-भरकम मलबे को देखकर भी कुछ वैसी ही चिंताएँ उठ रही हैं। जानिए कैसे होगा इन चिंताओं का समाधान।

मलबा हटाने का काम रामकी ग्रुप को सौंप दिया गया है। तीन महीने का समय काम पूरा करने के लिए दिया गया है। हालाँकि इस दौरान कई और अहम काम किए जाने हैं। मलबे के निपटान के अलावा एक्सेलेरोमीटर, ब्लैक बॉक्स और विध्वंस स्थल के आसपास रखे गए अन्य पैमानों से डेटा का विश्लेषण करना बाक़ी है।