नोएडा में कल तक जहाँ सुपरटेक ट्विन टावर थे वहाँ अब मलबे का पहाड़ है। मलबा भी इतना ज़्यादा कि निपटान करना ही एक बड़ी समस्या हो। 80 हज़ार टन। जिन टावरों को बनने में क़रीब नौ साल लगे थे और जो सिर्फ़ नौ सेकंड में ध्वस्त हो गए, उसके मलबे को हटाना इतना आसान नहीं लग रहा है। मलबे को ठिकाने लगाने में विशेषज्ञ ही इसके लिए क़रीब 90 दिन की मोहलत मांग रहे हैं।