जिस क़ानून को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने वाला बताकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था उसके तहत अब तक 1000 से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज की गई हैं और लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट यह जानकर आश्चर्यचकित है और अब इसने मामले में केंद्र को नोटिस जारी किया है। सरकार को अपना जवाब देने के लिए दो हफ़्ते का समय दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट से जो क़ानून 7 साल पहले रद्द हुआ उसमें 1000 FIR कैसे?
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- 5 Jul, 2021
जिस क़ानून को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने वाला बताकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था उसके तहत 1000 से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज की गई हैं और लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

दरअसल, यह मामला आईटी एक्ट की धारा 66ए से जुड़ा है जो पहले काफ़ी विवादित रहा था। यह धारा पुलिस को अधिकार देती थी कि ऑनलाइन आपत्तिजनक सामग्री भेजने पर गिरफ़्तारी की जा सकती थी। इस क़ानून के इस्तेमाल को लेकर विवाद हो रहा था और जब सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहुँचा था तो इसने 24 मार्च, 2015 को एक ऐतिहासिक फ़ैसले में धारा 66ए को ख़त्म कर दिया था।