कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 साल पूरे होने पर इसका नाम बदल कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने से कई सवाल खड़े होते हैं। जब कभी बंगाल अस्मिता की बात उठती है तो कई दशक बीत जाने के बाद भी नेताजी सुभाष चंद्र  बोस और रवींद्रनाथ ठाकुर जैसे लोगों के ही नाम बंगालियों की जेहन में आते हैं। उनके दर्शन से मुखर्जी का दर्शन मेल खाता है, यह नहीं कहा जा सकता है।