सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उन लोगों को मुआवजा देने के लिए एक कानून की ज़रूरत है, जो लंबे समय तक जेल में रहने के बाद बरी हो जाते हैं। यह टिप्पणी एक ऐसे मामले में आई जिसमें 2011 के एक डबल मर्डर केस में मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को दोषमुक्त किया गया। कोर्ट ने जांच में खामियों और सबूतों की कमी का हवाला देते हुए मंगलवार को यह फ़ैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने संसद से अपील की कि वह विदेशी न्याय प्रणालियों के प्रावधानों से प्रेरणा लेकर इस दिशा में क़ानून बनाए।