राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की स्थापना 1961 में ऐसी पाठ्यपुस्तकें तैयार करने के लिए हुई थी, जो वैज्ञानिक और संतुलित दृष्टिकोण के साथ पूरे देश में पढ़ाई जा सकें। एनसीईआरटी की किताबें अपनी गुणवत्ता के लिए जानी जाती थीं, और सिविल सेवा जैसे परीक्षाओं की तैयारी में भी इनका उपयोग होता था। लेकिन हाल के वर्षों में, विशेष रूप से 2014 के बाद, एनसीईआरटी पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लग रहा है। आलोचकों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रभाव में इतिहास को हिंदू-मुस्लिम संघर्ष के चश्मे से दिखाने की कोशिश हो रही है। इसका ताजा उदाहरण है 2025-26 सत्र के लिए प्रकाशित की गयी कक्षा 8 की नई किताब Exploring Society: India and Beyond (Part 1), को लेकर विवाद छिड़ा है। इस किताब में दिल्ली सल्तनत और मुगल काल को बेहद नकारात्मक और अंधकारयुग के रूप में प्रस्तुत किया गया है।