केंद्र श्रम क़ानूनों की जगह लेने वाले जिन नये लेबर कोड की अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है, उसके विरोध में ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल की चेतावनी दी है। विपक्षी खेमे के 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक प्लेटफॉर्म ने केंद्र को चेताया है कि यदि केंद्र चार लेबर कोड यानी श्रम संहिताओं को अधिसूचित करता है तो वे आम हड़ताल करेंगे। सवाल है कि आख़िर इन लेबर कोड में ऐसा क्या है कि ट्रेड यूनियन इसका विरोध कर रहे हैं? इस लेबर कोड को आख़िर क्यों लाया जा रहा है और इससे क्या बदलाव आ जाएँगे?
नये लेबर कोड के विरोध में हड़ताल की चेतावनी क्यों दे रहे ट्रेड यूनियन? जानें वजह
- देश
- |
- 8 Jan, 2025
क्या श्रम सुधारों वाले चार कोड अगले साल तक लागू हो पाएँगे? ट्रेड यूनियन इसका विरोध क्यों कर रहे हैं? जानिए, यूनियनों ने क्या चेताया है।

केंद्र सरकार ने मौजूदा श्रम क़ानूनों को चार कोड यानी संहिताओं से बदलने का प्रस्ताव रखा है और पिछले महीने ही श्रम मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 31 मार्च 2025 तक चार लेबर कोडों के नियम का मसौदा तैयार करना है। इस साल तक इन चार संहिताओं के लागू होने के लिए मंच तैयार हो गया है।