हाथरस गैंगरेप मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया है और कोर्ट ने ख़ुद आगे आकर इस मामले में दखल दिया है। क्या इससे पीड़िता और उसके परिवार वालों को न्याय की बड़ी उम्मीद बँधती है? पिछले अनुभव क्या कहते हैं? पिछले एक साल में ही ऐसे दो बड़े मामले सामने आए हैं और उन मामलों में आरोपियों को जेल की सज़ा हुई है। इसमें से एक मामला उन्नाव के कुलदीप सिंह सेंगर का है तो दूसरा शाहजहाँपुर के स्वामी चिन्मयानंद का। इसके अलावा दो साल पहले भी देश को हिलाकर रख देने वाले कठुआ गैंगरेप मामले में भी अदालत ने दखल दिया था और उस मामले में भी आरोपियों को सज़ा मिली थी। तो क्या कुछ ऐसा ही फ़ैसला हाथरस मामले में आ सकता है?