सरकार बार-बार भले ही यह कहती रहे कि देश की अर्थव्यवस्था को कोई संकट नहीं है, पर सच यह है कि इसके निवेश में ज़बरदस्त कमी होने के संकेत मिल रहे हैं। इसके साथ ही कोर सेक्टर समेत पूरे उद्योग में ही मंदी के संकेत भी मिल रहे हैं। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि सितंबर में आयात में लगभग 14 प्रतिशत की कमी आई है। भारत के लिए यह अधिक चिंता की बात इसलिए है कि आयात कम होने का मतलब है निवेश में कमी और दूसरे कई उद्योगों में मंदी।