जब हम दुनिया को नारीवाद की आँख से देखते हैं तो हमे वह माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के 'रिवील फॉर्मेटिंग' फंक्शन जैसी दिखाई पड़ती है। पता चलता है कि हम जिसे समतल और संपूर्ण साथ मान कर चल रहे थे, उसके नीचे कितनी गुत्थियाँ और जटिलताएँ मौजूद हैं।

प्रसिद्ध नारीवादी निवेदिता मेनन की किताब 'सीइंग लाइक अ फेमिनिस्ट' का हिंदी अनुवाद 'नारीवादी निगाह से' नाम से हाल ही में प्रकाशित हुआ है। किताब बड़ी सरलता से हमे मौजूदा व्यवस्था, जेंडर अवधारणाओं और व्यवहारिक प्रयोगों के विरोधाभासों से रूबरू करती हैं।
प्रसिद्ध नारीवादी निवेदिता मेनन की किताब 'सीइंग लाइक अ फेमिनिस्ट' का हिंदी अनुवाद 'नारीवादी निगाह से' नाम से हाल ही में प्रकाशित हुआ है। किताब बड़ी सरलता से हमे मौजूदा व्यवस्था, जेंडर अवधारणाओं और व्यवहारिक प्रयोगों के विरोधाभासों से रूबरू करती हैं।
हिंदी के किसी नारीवादी पाठक के लिए यह अनुवाद इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह नारीवाद और उस से जुड़े तमाम पूर्वाग्रहों को हटाते हुए उसे असल जीवन से जोड़ कर देखने का आग्रह करती हैं।