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राष्ट्रपति चुनाव: एमपी में कांग्रेस के विधायक फिर ‘बिक गए’?

…तो क्या मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायक फिर ‘बिक गए’?, राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों के साथ राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के मन में भी इस ‘सवाल’ की गूंज हो रही है। प्रदेश में कांग्रेस विधायकों द्वारा बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग के घटनाक्रम से मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और कांग्रेस संगठन की कार्यशैली भी पुनः सवालों के दायरे में आ खड़ी हुई है।

दरअसल, राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा को मध्य प्रदेश से 79 कांग्रेस के विधायकों के वोट ही मिल पाये हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायकों की कुल संख्या 96 है। कांग्रेस अब यह ‘पता’ लगाने में जुट गई है कि पार्टी से ‘दगा’ करने वाले 17 विधायक आखिर कौन हैं?

बता दें, राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही पार्टी विधायकों पर बीजेपी द्वारा डोरे डालने के आरोप कांग्रेस लगाने लगी थी। चुनाव के अंतिम दौर में तो कमल नाथ ने मीडिया में स्पष्ट बयान दिया था, ‘कांग्रेस विधायकों को क्रॉस वोटिंग के लिए सत्तारूढ़ दल भाजपा जमकर प्रलोभन दे रही है। मोटी रकम का प्रस्ताव एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट करने के लिए दिया जा रहा है।’

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प्रचार करने के लिए भोपाल पहुंचे यशवंत सिन्हा ने भी कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में ‘कांग्रेस विधायकों को क्रॉस वोटिंग के लिये लालच देने और बड़ी रकम ऑफर करने का आरोप लगाया था।’
Presidential polls 2022 Madhya Pradesh Congress Cross voting for Draupadi Murmu - Satya Hindi
विधायक उमंग सिंघार

सिंघार ने लगाया था आरोप

मसला यहीं खत्म नहीं हुआ था, कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे अनुसूचित जनजाति समुदाय के वरिष्ठ विधायक उमंग सिंघार ने उन्हें 50 लाख रुपये की बड़ी राशि का प्रस्ताव मुर्मू को वोट के लिये मिलने का ‘सनसनीख़ेज खुलासा भी किया था।’ 

मध्य प्रदेश की पूर्व उपमुख्यमंत्री और धाकड़ आदिवासी लीडर रहीं स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे सिंघार ने यह भी दावा किया था, ‘अकेले उन्हें ही नहीं काफी संख्या में आदिवासी विधायकों को भाजपा ने क्रॉस वोट के लिये बड़ी और मोटी रकम ऑफर की है।’

भाजपा ने यशवंत सिन्हा, कमल नाथ और उमंग सिंघार के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। भाजपा ने कहा था, ‘एनडीए प्रत्याशी मुर्मू एकतरफा जीत दर्ज करने वाली हैं, ऐसे में पार्टी को दूसरे दलों के सांसद/विधायकों के वोट हासिल करने हेतु जोड़-तोड़ की आवश्यकता नहीं है।’

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा सहित बीजेपी के तमाम रणनीतिकार/बड़े नेता, एनडीए की महिला एवं ट्राइबल कैंडिडेट मुर्मू को ‘आत्मा की आवाज’ पर वोट करने की अपील करते रहे थे। विरोधी दल और निर्दलीय अनुसूचित जनजाति वर्ग के विधायकों को बीजेपी और उसके नेतागण ‘सीधे लक्ष्य करते रहे थे।’

मध्य प्रदेश में विधायकों की कुल संख्या 230 है। इन 230 में 127 विधायक भाजपा के हैं। कांग्रेस के पास 96 विधायक हैं। बसपा के दो, सपा का एक और निर्दलीय विधायकों की संख्या 4 है।

राष्ट्रपति पद के चुनाव के वोटों की गिनती के बाद मध्य प्रदेश के वोटों की पूरी तस्वीर जो सामने आयी है, उसके अनुसार भाजपा को 146 वोट मिले हैं। जबकि कांग्रेस को 79 वोट ही मिल पाये हैं। पांच विधायकों के वोट निरस्त हुए हैं।

बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्रॉस वोटिंग और भाजपा द्वारा कांग्रेस विधायकों को खरीदने के प्रयासों का आरोप लगाने के बाद भी कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट क्यों नहीं रख पायी?

हालांकि विधायकों को क्रॉस वोट नहीं करने देने के लिए कांग्रेस ने ‘तमाम व्यवस्थाएं’ कीं थीं। बावजूद इसके कांग्रेस के विधायकों ने बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग की। भाजपा को उसके कुल विधायक 127 से 19 ज्यादा वोट मिले हैं। यानी विरोधी दल के कुल 19 विधायकों ने क्रॉस वोट करते हुए मुर्मू का साथ दिया।

राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग गोपनीय होती है। ऐसे में क्रॉस वोट करने वाले विधायकों का पता लगा पाना संभव नहीं है। 

Presidential polls 2022 Madhya Pradesh Congress Cross voting for Draupadi Murmu - Satya Hindi

‘इस्तीफा दें कमलनाथ’

क्रॉस वोटिंग पर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की चुटकियां ले रहा है। मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता, गृहमंत्री और राज्य के बड़े नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘कमल नाथ की अगुवाई में वर्ष 2018 में सत्ता में आयी कांग्रेस ने थोकबंद विधायकों के साथ छोड़ देने पर पहले सरकार खोयी, फिर विधायक टूटे तो साख गई और राष्ट्रपति चुनाव में उसके विधायकों ने जिस तरह से अपनी अंतरआत्मा की आवाज़ पर वोट किया है, उसके बाद कमल नाथ जी की नाक भी कट गई है। अब उन्हें अपने पद से बिना देर किये इस्तीफा दे देना चाहिए।’

क्रॉस वोटिंग पर कमल नाथ अथवा अन्य किसी बड़े नेता की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आयी है। उधर, कांग्रेस आलाकमान द्वारा क्रॉस वोटिंग की जांच के निर्देश की खबर है। 

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‘हमें भी मिले हैं क्रॉस वोट’

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा, ‘राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग नई बात नहीं है। देश में पहले भी अनेक बार ऐसा हुआ है। प्रतिभा पाटिल, प्रणव मुखर्जी और राष्ट्रपति पद के अन्य चुनावों में भी हमारे उम्मीदवारों को विरोधी दल के प्रत्याशियों के मैदान में होते हुए क्रॉस वोट किये गये हैं। भाजपा शासित राज्यों में पार्टी के विधायकों ने यूपीए के राष्ट्रपति उम्मीदवारों को वोट किये थे।’

गुप्ता आगे कहते हैं, ‘जाति और दल से कहीं ऊपर राष्ट्रपति पद के निर्वाचन को जिस तरह से भाजपा जातिगत समीकरण से भुनाने का प्रयास कर रही है, वह बेहद शर्मनाक और सर्वोच्च संवैधानिक पद की मर्यादा के खिलाफ है।’ 

पार्टी विधायकों के कथित तौर पर बिक जाने को लेकर किये गये प्रतिप्रश्न का कोई जवाब कांग्रेस प्रवक्ता ने नहीं दिया।

मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटों में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग और 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के विधायकों के लिए रिजर्व हैं। जबकि 148 सीटें सामान्य वर्ग के विधायकों हेतु हैं।

राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग की मौजूदा तस्वीर के अनुसार 30 सीटें कांग्रेस, 16 भाजपा और एक निर्दलीय के पास है। अनुसूचित जाति वर्ग के लिये आरक्षित कुल 35 विधायकों में 17 कांग्रेस और 18 भाजपा के हैं। 

छत्तीसगढ़ में भी क्रॉस वोटिंग

मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के 2 विधायकों द्वारा क्रॉस वोट करने की जानकारी सामने आयी है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 71 विधायक हैं, लेकिन यशवंत सिन्हा को 69 वोट ही मिल पाये हैं। कुल 90 संख्या वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा से मुर्मू 19 वोट हासिल करने में सफल हुई हैं। यहां भाजपा सदस्यों की संख्या 14 है और जोगी कांग्रेस के पास 3 सीटें हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है, ‘मीडिया से पता चला है कि हमारे 2 वोट मुर्मू जी को गये हैं।

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संजीव श्रीवास्तव
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