जम्मू के पंडित उमादत्त शर्मा जी का बेटा शिव तबला बजाता था और शास्त्रीय संगीत गाता था। उमादत्त शर्मा ने कश्मीरी संतूर पर शोध किया और अपने बेटे से कहा कि कश्मीरी संतूर बजाना सीखे। धीरे-धीरे कश्मीरी संतूर पर शिव कुमार शर्मा का हाथ बैठने लगा, तो संतूर पर शास्त्रीय संगीत बजाना शुरू हुआ, लेकिन संतूर शास्त्रीय संगीत के हिसाब से नहीं बना था।
जब 'तबला बजाने वाले' शिवकुमार ने संतूर को पहुँचा दिया शिखर पर!
- श्रद्धांजलि
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- 29 Mar, 2025

प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का आज मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। जानिए, संतूर वादन में उनका क्या है योगदान।
शिव कुमार शर्मा कहते थे कि जब उनके पिता ने कहा कि अब से तुम सिर्फ़ संतूर बजाओगे, तो वे कुछ समय के लिए सन्न रह गए, लेकिन गुरु की आज्ञा टाली नहीं जा सकती थी। शिव कुमार शर्मा ने संतूर पर काम करना शुरू किया। संतूर एकमात्र तार वाला वाद्य है, जो स्ट्राइकर से बजता है। बाक़ी के वाद्य या तो वायलिन या सारंगी की तरह गज से बजाए जाते हैं, या सितार की तरह मिजराब से।