भारत में पुलिस अधिकारियों और अन्य सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित करने वाले कई प्रशिक्षण संस्थान हैं। इन प्रशिक्षण संस्थानों के गलियारों में एक छोटी सी कहानी बेहद लोकप्रिय है। यह कहानी एक बूढ़े बदूईन की है, जिसके पास बड़ी संख्या में घोड़े, मुर्गियाँ तथा अन्य मवेशी तथा जानवर थे। ‘बदू’ या ‘बदूईन’ अरब के रेगिस्तानों मे पारम्परिक रूप से खानाबदोश जीवन व्यतीत करने वाले कबीलों का समूह है। इस कबीले के सदस्यों को ‘बदूईन’ कहा जाता है।
पुलिस सुधारों को लागू करने में कोताही क्यों?
- विचार
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- 31 Dec, 2020

प्रतीकात्मक तसवीर।
देश में पुलिस बल की वर्तमान चिंताजनक स्थिति तथा पुलिस सुधारों को लेकर उच्चतम न्यायालय के ठोस निर्देशों के बावजूद, हमारे निर्वाचित प्रतिनिधियों में पुलिस सुधारों के लिए थोड़ी भी गंभीरता नहीं दिखती। निर्वाचित प्रतिनिधियों के इरादों एवं कार्यों में पुलिस सुधारों के प्रति सोची-समझी नजरअंदाजी का भाव यूँ ही नहीं है।
इस कहानी के अनुसार, एक रात जब वह बूढ़ा बदूईन गहरी नींद में था, किसी ने उसकी मुर्गी चुरा ली। अगली सुबह जब उसने गिनती के क्रम में एक मुर्गी को कम पाया तो उसने अपने कर्मचारियों तथा साथी बदूईनों को बुलाकर मुर्गी चोर का पता लगाने के लिए कहा।
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. अजय कुमार कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वह समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।