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दलितों को बलि का बकरा बनाती है कांग्रेस: मायावती

मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें ट्वीट कर शुभकामनाएं दी थी लेकिन बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को इसके लिए निशाने पर ले लिया है। मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस का इतिहास गवाह है कि उसने दलितों व उपेक्षितों के मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर व इनके समाज का हमेशा उपेक्षा/तिरस्कार किया। 

बताना होगा कि मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को हराया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में कुल 9385 वोट पड़े और इसमें से खड़गे को 7897 वोट मिले हैं जबकि शशि थरूर को 1072 वोट मिले। 416 वोटों को अवैध करार दिया गया। 

मायावती ने गुरूवार को कहा है कि कांग्रेस को अपने अच्छे दिनों में दलितों की सुरक्षा व सम्मान की याद नहीं आती बल्कि बुरे दिनों में वह इनको बलि का बकरा बनाती है।

मायावती ने कहा है कि कांग्रेस को अपने अच्छे दिनों में अधिकांशतः गैर-दलितों को और बुरे दिनों में दलितों को आगे रखने की याद आती है। क्या यह छलावा व छद्म राजनीति नहीं?

बताना होगा कि मल्लिकार्जुन खड़गे भी दलित समुदाय से आते हैं और कांग्रेस के दूसरे दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। इससे पहले बिहार से आने वाले दलित नेता जगजीवन राम कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। 

Congress President Mallikarjun Kharge Mayawati reacts - Satya Hindi

दलित वोट बैंक में सेंध लगने का डर 

मायावती ने जिस तरह खड़गे का नाम लिए बिना कांग्रेस पर बोला है उससे साफ लगता है कि खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें अपने दलित वोट बैंक में सेंध लगने का डर है। बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम वोट बैंक के जरिए लंबे वक्त तक सत्ता में रही लेकिन राम मंदिर आंदोलन के बाद ब्राह्मण बीजेपी की ओर चले गए जबकि मुसलमानों का एक बड़ा तबका समाजवादी पार्टी और दलित समुदाय मायावती और कांशीराम के साथ बीएसपी में चला गया।

इस वजह से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में कमजोर होती चली गई और पिछले तीन दशक से ज्यादा वक्त से राज्य की सत्ता से बाहर है। 

हालात इस कदर खराब हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली। दूसरी ओर मायावती की बीएसपी का भी प्रदर्शन खराब रहा और उसके सिर्फ एक उम्मीदवार को जीत मिली।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं और उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को फिर से जिंदा करने के लिए उत्तर प्रदेश में पूरा जोर लगाया था। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली और कांग्रेस को सिर्फ ढाई फीसद वोट ही मिला। लेकिन कांग्रेस को ऐसी उम्मीद है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद दलित समुदाय एक बार फिर कांग्रेस को वोट देगा और उसकी स्थिति सुधरेगी। 

उत्तर प्रदेश में दलितों की आबादी 20 फ़ीसदी के आसपास है और निश्चित रूप से यह एक बड़ा वोट बैंक है। 

Congress President Mallikarjun Kharge Mayawati reacts - Satya Hindi
मायावती ने जो ट्वीट किया है उससे ऐसा लगता है कि उन्हें इस बात का डर है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दलित समुदाय उनके पाले से निकलकर कांग्रेस के साथ जा सकता है। वरना मायावती कांग्रेस के द्वारा दलित समुदाय से आने वाले किसी नेता को अध्यक्ष बनाने के बाद उन्हें शुभकामनाएं दे सकती थीं। लेकिन बजाय इसके उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोल दिया। 
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उत्तर भारत के बाहर भी मायावती को दलित राजनीति का एक बड़ा चेहरा माना जाता है। लेकिन 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव के साथ ही 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीएसपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।

2019 के लोकसभा चुनाव में उसने समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन कर 10 सीटें जीती थी लेकिन अब उसके पास उत्तर प्रदेश में कोई सियासी साथी नहीं है। ऐसे में मायावती इन दिनों एक बार फिर मुसलमानों, दलितों और ब्राह्मणों को अपने साथ जोड़ कर बीएसपी को मजबूत करने की कोशिश में लगी हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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