पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के पास कल तक कोई कद्दावर मुस्लिम नेता नहीं था। लेकिन शनिवार 7 अक्टूबर को उसकी कमी इमरान मसूद ने पार्टी में वापसी करके पूरी कर दी। सहारनपुर और आसपास के जिलों में एक जुमला मशहूर है कि इमरान मसूद हवा का रुख भांपकर किसी भी पार्टी का दामन थामते हैं। कांग्रेस से जब वो सपा की तरफ गए तो यही हुआ था। फिर वो बसपा में आ गए। बसपा प्रमुख मायावती ने तो उन्हें यूपी के कई जिलों की जिम्मेदारी सौंपते हुए यूपी का मुस्लिम नेता घोषित कर दिया था लेकिन उन्हीं मायावती ने अभी हाल ही में इमरान मसूद को पार्टी से निकाल दिया था। वजह यह थी की इमरान लगातार राहुल गांधी की तारीफ कर रहे थे। यह बात मायावती को पसंद नहीं आई। लेकिन इमरान मसूद की कांग्रेस में वापसी को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि यूपी में मुसलमानों का झुकाव कांग्रेस की तरफ धीरे-धीरे हो रहा है। इमरान मसूद ने हवा का यही रुख भांपते हुए पार्टी में वापसी की है, क्योंकि उनके पास सपा का विकल्प था। लेकिन उन्होंने कांग्रेस को चुना।
इमरान मसूद की वापसीः क्या मुसलमान कांग्रेस की तरफ रुख कर रहे हैं
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025

शनिवार को इमरान मसूद के साथ कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय रॉय।
पश्चिमी यूपी के बड़े मुस्लिम नेताओं में शुमार इमरान मसूद शनिवार 7 अक्टूबर को कांग्रेस में वापस आ गए। तेलंगाना की तरह यह एक संकेत है कि कांग्रेस से दूसरे दलों की तरफ गए मुस्लिम नेता और कार्यकर्ता अब कांग्रेस की तरफ लौट रहे हैं। इससे यूपी में बसपा और सपा के चुनावी समीकरण गड़बड़ा रहे हैं तो दूसरी तरफ तेलंगाना में ओवैसी की एआईएमआईएम के समीकरम गड़बड़ा रहे हैं।