2019 के संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को पहले से ज़्यादा बड़ा समर्थन मिला। उनके समर्थकों और विरोधियों, दोनों को उम्मीद रही होगी कि इतने भारी समर्थन के साथ सत्ता में दोबारा आए नरेंद्र मोदी और उनकी टीम शासकीय स्तर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्हें विभाजनकारी, सांप्रदायिक और संकीर्ण मुद्दों को उठाने की अब ज़रूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों के अंदर ही अपने ज़्यादातर समर्थकों और विरोधियों की उम्मीदें तोड़ दीं और इस दरम्यान चार बड़े सियासी-शासकीय मंजर सामने आए हैं।