उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में युवक की थाने में आख़िर मौत कैसे हो गई? मृतक के पिता ने कहा, बेटे ने डिप्रेशन में की आत्महत्या। सच क्या है?
उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर के अदालत परिसर में वकील की हत्या कैसे कर दी गई? कोर्ट जैसी सुरक्षित जगह पर भी फायरिंग को अंजाम कैसे दिया गया?
उत्तर प्रदेश में पिछले 6 महीनों के अपराध का ग्राफ टटोलें तो यह शहरों और गाँवों में डकैती, लूट, हत्या और बलात्कार की दर्जनों घटनाओं से पटा मिलेगा।
मोदी सरकार और बीजेपी ने हालिया मंत्रिमंडल विस्तार में दलितों की भागीदारी बढ़ाने की बात को जोर-शोर से मीडिया में पेश किया है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 16 वर्षीय नाबालिग से 8 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोप है कि नाबालिग को कई दिनों तक बंधक भी बनाकर रखा गया।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । कानपुर: बीजेपी नेताओं ने पुलिस के चंगुल से हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाया। सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया विनोद दुआ का राजद्रोह केस। देखिए दोपहर तक की ख़बरें -
उत्तर प्रदेश के बड़े शहर कानपुर में बीजेपी नेताओं ने दिन-दहाड़े पुलिस से धक्का-मुक्की कर एक हिस्ट्रीशीटर को भगा दिया।
28 साल के एक युवक ने बरेली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवक का कहना है कि पुलिस ने मास्क न पहनने पर उसे हिरासत में ले लिया और उसके हाथ-पैरों में कील ठोक दी।
उन्नाव जिले के बांगरमऊ में फ़ैसल नाम के युवक की मौत का मामला तूल पकड़ गया है। परिजनों का आरोप है कि फ़ैसल को पुलिस ने पीटा, फिर जबरन उठा कर थाने ले गई और वहां पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िला जेल में शुक्रवार को दो ख़तरनाक गैंगस्टरों की आपसी लड़ाई में तीन लोग मारे गए। जेल के भीतर ख़तरनाक असलहों से गोलियाँ चलीं और घंटों अपराधी खुलेआम घूम-घूम कर प्रशासन को चुनौती देते रहे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में 10 वीं कक्षा की छात्रा से चार लोगों ने दुष्कर्म किया। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अभियुक्तों ने दुष्कर्म के बाद लड़की को जबरन ज़हर खिलाया।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में दो बहनों की संदिग्ध हालत में मौत होने का मामला उलझ गया है।
उत्तर प्रदेश में बेख़ौफ़ अपराधियों ने एक बार फिर खाकी पर हमला किया और एक सब इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में दो किशोरियों की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। दोनों ही सगी बहनें थीं और बीते सोमवार की शाम से ग़ायब थीं।
यूपी के एटा में पुलिसकर्मियों ने ढाबा में खाना खाया। बिल के रुपये मांगने पर ढाबा मालिक, स्टाफ़ और ग्राहकों को पीटा। झूठे आरोपों में सबको जेल में डाल दिया। अब पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है।
उत्तर प्रदेश की मोहन लाल गंज सीट से बीजेपी के सांसद कौशल किशोर के परिवार में चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है।
बीजेपी सांसद कौशल किशोर सिंह के छोटे बेटे आयुष पर गोली चलाए जाने के मामले में अब नाटकीय मोड़ आ गया है। आयुष ने वीडियो जारी कर सफ़ाई दी है कि उन्हें उनकी पत्नी अंकिता सिंह ने फँसाया है। अंकिता सिंह ने भी आरोप लगाए हैं।
युवती कहती है कि अभियुक्त ने उससे छेड़छाड़ की थी और उसके पिता ने उसके ख़िलाफ़ केस दर्ज कर दिया था। वह कहती है कि वह बहराइच के इकोना से यहां आया था।
अब क्या रिपोर्टिंग करने पर धमकाया जा रहा है? वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने ऐसा ही आरोप लगाया है। उन्होंने यह आरोप तब लगाया जब उन्नाव मामले में रिपोर्टिंग के लिए बरखा दत्त की 'मोजो स्टोरी' पर एफ़आईआर दर्ज की गई है।
उन्नाव में खेत में मिलीं दलित समुदाय की नाबालिग लड़कियों की मौत के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें से एक ने इन तीनों लड़कियों को ज़हर दिया था।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में खेत में मिली दो नाबालिग लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद राज्य की पुलिस ने कहा है कि उनके शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं मिले हैं।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में खेत में मिली दो नाबालिग लड़कियों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया है। पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक़, उनकी मौत ज़हर की वजह से हुई है।
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में मंगलवार को देर शाम हुई एक पुलिसकर्मी की नृशंस हत्या और एक दारोग़ा को ख़ून से तरबतर कर दिए जाने की घटना ने लोगों को गत वर्ष कानपुर के बिकरू कांड की याद ताज़ा कर दी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कासगंज के नगला धीमर गांव में मंगलवार शाम को हुए इस हमले में एक सिपाही की मौत हो गई जबकि एक सब इंस्पेक्टर बुरी तरह घायल हो गया।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।अमेठी: दलित प्रधान के पति को जिंदा जलाया, मौत ।भोपाल में हुआ फ्रांस के ख़िलाफ़ भारी विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात का दावा करते नहीं थकते कि प्रदेश में हर व्यक्ति सुरक्षित है। लेकिन दलितों पर हो रहे अत्याचार की तमाम घटनाएं उन्हें पूरी तरह झूठा साबित करती हैं।