पत्रकार मोहम्मद जुबैर को जमानत न मिलने का फैसला शाम 7 बजे कोर्ट ने जारी किया। दिल्ली पुलिस की इस मामले में शनिवार को अच्छी खासी किरकिरी हुई लेकिन वो डैमेज कंट्रोल में लगी रही। लेकिन कोर्ट में शनिवार को जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने दिल्ली पुलिस के तमाम दावों की धज्जियां उड़ा दीं। इसके बावजूद जुबैर को जमानत नहीं मिल सकी। वृंदा ग्रोवर के तर्कों को सत्य हिन्दी पर गौर से पढ़िए।
पत्रकार और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के मामले की शनिवार को कोर्ट में सुनवाई थी। इससे पहले कोर्ट फैसला सुनाती, दिल्ली पुलिस ने मीडिया को खबर लीक कर दी कि जुबैर की जमानत अर्जी खारिज हो गई है और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ज़ुबैर के खिलाफ कौन से और नए आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि ज़ुबैर ने अपने मोबाइल फोन को फॉर्मेट कर दिया और कुछ ट्वीट को भी डिलीट कर दिया।
पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पुलिस नूपुर शर्मा को गिरफ़्तार क्यों नहीं कर पाई, जबकि दूसरे मामलों में जल्दबाजी की गई? सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल का जवाब क्या पुलिस के पास है?
आखिर शिकायत करने वाले ने इस अकाउंट को डिलीट क्यों कर दिया? उसे किस बात का डर था।
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी से पूरे देश में आक्रोश है और इसको लेकर प्रेस निकायों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जानिए, एडिटर्स गिल्ड के बाद प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने क्या कहा है।
नफ़रत फैलाने वालों की सच्चाई उजागर करने वाले ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को गिरफ़्तार क्यों किया गया? ग़लत और फर्जी ख़बरों का भंडाफोड़ करने वाले ज़ुबैर निशाने पर क्यों? जानिए, सोशल मीडिया पर कैसी प्रतिक्रिया आई।
राहुल गांधी और सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेताओं के विरोध बीच दिल्ली पुलिस कांग्रेस मुख्यालय में क्यों घुसी और पार्टी इसे मुद्दा क्यों बना रही है?
ईडी के द्वारा नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताकर कांग्रेस ने अपने सभी दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है।
पैगंबर साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद दिल्ली पुलिस ने असदुद्दीन ओवैसी सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। जबकि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को गिरफ्तार तक नहीं किया जा रहा है। इसका क्या मतलब है?
एफआईआर में ओवैसी, नवीन जिंदल, सबा नक़वी के अलावा किन और लोगों के नाम हैं और एफआईआर का आधार क्या है?
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि रतन लाल की गिरफ़्तारी के जरिये डराने की कोशिश की जा रही है लेकिन वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में हाल में चर्चा में आए बुलडोजर का विवाद है तो क्या इससे जुड़े मुद्दे पर गोष्ठी जैसे कार्यक्रम भी नहीं किए जा सकते हैं?
दिल्ली पुलिस को क्या अपनी दक्षता, अपने कामकाज पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत नहीं है? जानिए, दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर हमले को लेकर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लेकर क्या क्या कहा।
दिल्ली में जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की आलोचना क्यों की जा रही है? जानिए ट्विटर पर यूज़रों ने दिल्ली पुलिस को लेकर कैसे-कैसे सवाल खड़े किए।
दिल्ली के सीमापुरी में क्या आईईडी से बड़े विस्फोट की साज़िश थी? जानिए, दिल्ली पुलिस ने आईईडी मिलने को लेकर क्या कहा है।
मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ़्तार मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ़्तार आरोपियों को भी जानता है। जानिए, पुलिस पूछताछ में उसने क्या कबूला।
'बुल्ली बाई' ऐप मामले में भारी दबाव झेल रही दिल्ली पुलिस ने इसके मुख्य साज़िशकर्ता को पकड़ने का दावा किया है। जानिए, कौन है आरोपी और किस हालात में दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई हुई।
बुल्ली बाई ऐप से मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने के मामले के बाद मुंबई पुलिस और दिल्ली पुलिस में लोग तुलना कर रहे हैं। पूछ रहे हैं कि मुंबई पुलिस ने 2 दिन में कार्रवाई की तो दिल्ली पुलिस 6 माह में भी क्यों नहीं?
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने कहा है कि पंजाब ही नहीं, पूरे देश के लोग मोदी सरकार से नाराज़ हैं। क्या है मामला?
मुंबई से पकड़े गए कथित आतंकवादी जान मोहम्मद अली मोहम्मद शेख का संबंध डी कंपनी के प्रमुख अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से 20 साल से रहा है।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उसने यूपी एटीएस और राजस्थान पुलिस की मदद से छह आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया है जिन्होंने पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया था।
दिल्ली पुलिस ने बिहार के समस्तीपुर से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भतीजे प्रिंस राज के ख़िलाफ़ बलात्कार का मामला दर्ज किया है।
अदालत ने दिल्ली दंगे के आरोपी आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के भाई और दो अन्य को आरोपमुक्त कर दिया और टिप्पणी की कि पुलिस की ऐसी जाँच देशवासियों के पैसे की बर्बादी है।
दिल्ली की एक अदालत ने जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि वीडियो में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया गया है जो अलोकतांत्रिक है।
भारत जोड़ो आंदोलन के नाम पर भारत तोड़ो आंदोलन चलाने जैसी मानसिकता रखने वाले कुछ लोगों ने बीते रविवार को दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर पर नफ़रती नारे लगाए।