गुरुवार को दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के डब्ल्यूएमसीसी की चौथे दौर की बातचीत में चीन अपने सैनिकों को पाँच मई से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर सहमति देगा, इसकी उम्मीद कम ही है।
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के साथ देश में स्वदेशी अभियान ने जोर पकड़ लिया।
क्या भारत अब चीन पर भी ‘भय बिन होत न प्रीत’ का सिद्धांत लागू करने की स्थिति में है। प्रधानमंत्री का इशारा किस की तरफ़ था। वरिष्ठ पत्रकार हरि कुमार का बेबाक़ विश्लेषण।
आखिर क्यों झूठ बोला गया ? किसलिये सच छिपाया जा रहा है ? देखें पूरी रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे के उलट रक्षा मंत्रालय ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में चीनी घुसपैठ की बात मानी।
चीन भारत से बातचीत करता रहा, पर उसने इस दौरान पैंगोंग त्सो, देपसांग पर कब्जा पक्का कर लिया।
भारत-चीन के बीच सीमा विवाद और तनाव तो पहले से ही है, बीजिंग ने एक नया मोर्चा खोल दिया है। चीन ने उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के पार अपने एक बटालियन सैनिकों को उतार दिया है।
क्या किसी में हिम्मत है जो ये पूछे कि प्रधानमंत्री जी आप ने झूठ बोला? विपक्ष क्यों ख़ौफ़ में है? चुप्पी की राजनीति क्यों? राहुल का कैरियर खत्म!
इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने क्लोन किए हुए 47 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, वे अपने डेटा चीनी एजेन्सियों को दे रहे थे।
भारतीय ज़मीन पर चीनी क़ब्ज़े पर अब तक झूठ बोलने वालों को राहुल गाँधी ने अब राष्ट्र-विरोधी बताया है। राहुल गाँधी ने कहा चीनियों द्वारा भारतीय भूमि पर क़ब्ज़ा किए जाने को छिपाना व उन्हें इसे लेने की अनुमति देना राष्ट्र-विरोधी है।
सवाल यह उठता है कि क्या चीन वार्ता टेबल पर कुछ बोलता है और ज़मीन पर वह अपना रवैया बदल लेता है?
इस समय ट्रंप प्रशासन चीन के घुटने टिकवाने के लिए कमर कसे हुआ है। इसीलिए वह भारत के प्रति ज़रूरत से ज्यादा नरम दिखाई पड़ रहा है।
अब तक के संकेत यही हैं कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच वार्ता में भारी गतिरोध पैदा हो गया है और चीनी सेना ने संघर्ष के इलाक़ों से अपने सैनिकों को और पीछे हटाने से साफ़ इनकार कर दिया है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स) ने आम सहमति से दो अलग-अलग प्रस्ताव पारित कर चीन को भारत के प्रति आक्रामक क़रार दिया।
अमेरिकी युद्धपोतों ने 20 जुलाई को भारतीय नौसेना के बड़े विध्वंसक पोतों, फ्रिगेटों, पनडुब्बियों और समुद्र टोही विमानों के साथ साझा अभ्यास किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस '56 इंच का सीना' की छवि को गढ़ा क्या चीन उसी छवि से भारत को मात दे रहा है? क्या प्रधानमंत्री की यही '56 इंची' छवि भारत की सबसे बड़ी कमज़ोरी बन गई है? कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कुछ ऐसे ही आरोप लगाए हैं।
राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को एक बार फिर कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 'सरकार की कायराना हरक़तों के कारण देश को भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।'
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह क्यों कह रहे हैं कि लद्दाख़ पर चीन से बातचीत का किस हद तक हल निकलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं। वरिष्ठ पत्रकार हरि कुमार बता रहे हैं चीन का इरादा क्या है?
चीन के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए जारी वार्ता के बीच लेह पहुँचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बातचीत से हल निकल जाना चाहिए लेकिन वह इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकते हैं कि इसका समाधान किस हद तक निकलेगा।
भारत चीन सैन्य कमांडरों के बीच मंगलवार को १५ घंटे की लंबी बैठक चली। सेवानिवृत्त लेफ़्टिनेंट जनरल डी एस हुडा ने स्मिता शर्मा से कहा अगर युद्ध के हालात बने तो भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। उनके मुताबिक़ चीन ने भारत की ज़मीन पर बाक़ायदा क़ब्ज़ा कर रखा है।
चार दौर की बातचीत के बाद भारत-चीन तनाव में कमी आई है, गलवान घाटी से चीनी सैनिक लौट चुके हैं। पर डेपसांग और पैंगोंग त्सो में चीनी सैनिक डटे हुए हैं, खाली करने से इनकार कर रहे हैं।
क्या पीपल्स लिबरेशन आर्मी पैंगोंग त्सो झील के किनारे और डेपसांग के इलाक़ों को खाली कर देगा?
लद्दाख में भारत चीन सेना के कमांडरों के बीच चौथे राउंड की बातचीत मंगलवार को होगी । सवाल क्या चीन छोड़ेगा कब्जे की ज़मीन । स्मिता शर्मा ने की (रि) मे. ज. डी के मेहता और मयंक सिंह से बातचीत ।
चीन के साथ तनातनी के बीच भारत ने ताईवान के साथ कूटनीतिक स्तर ऊपर कर दिया है यानी अपग्रेड कर दिया है?
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने चीन मुद्दे पर अब फिर से सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि ऐसा क्या हुआ कि मोदी जी के रहते भारत माता की पवित्र ज़मीन को चीन ने छीन लिया?
भारत-चीन तनातनी बढी और युद्ध की स्थिति आ गई तो अमेरिका दिल्ली का साथ नहीं देगा क्योंकि उसके व्यापारिक हित चीन से जुड़े हैं।