क्या पलटूराम उर्फ़ नीतीश कुमार का बीजेपी की मदद से मुख्यमंत्री बनना तय है? उन्हें कुर्सी की क्या क़ीमत चुकानी पड़ सकती है? क्या लालू यादव बहुमत जुटाने की स्थिति में हैं? क्या जीतनराम मांझी लालू का दामन थाम सकते हैं? अगर काँग्रेस ही टूट गई तो वे क्या कर पाएंगे?
बिहार में छाये सियासी संकट के बीच सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को फोन किया है। दावा किया जा रहा है कि उन्होंने जीतन राम मांझी को इंडिया गठबंधन में शामिल होने का आमंत्रण दिया है।
नीतीश कुमार बेशक भाजपा कैंप में लौट जाएं, लेकिन कांग्रेस, टीएमसी, सपा और आरजेडी ने उन्हें इस मुद्दे पर फंसा दिया है कि इंडिया को कौन तोड़ रहा है या उससे भाग रहा है। कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार को खुद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने फोन किया लेकिन नीतीश को व्यस्त बताया गया। दूसरी तरफ अखिलेश ने गठबंधन की घोषणा कर नीतीश को ही संकेत दे दिया। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी शुरू से ही नीतीश को इंडिया का संयोजक बनाने के खिलाफ रही है। 2024 की विपक्षी एकता तोड़ने के लिए नीतीश को ही जिम्मेदार माना जाएगा।
बिहार में बार-बार पलटी मारने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई जवाब नहीं। 2022 में वो जिससे नाखुश थे, 2024 में उनसे वो खुश हैं। लेकिन उनकी खुशी-नाखुशी का पैमाना बदलता रहता है। वरिष्ठ पत्रकार शैलेश की बिहार की राजनीति पर बहुत नजदीक से नजर रहती है। वो नीतीश के गुस्से को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
नीतीश कुमार के पाला बदलने की अटकलों के बीच अब चर्चा है कि कांग्रेस के विधायकों में टूट हो सकती है। कांग्रेस के बिहार विधानसभा में 19 विधायक हैं। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के 10 विधायकों को तोड़ने की कोशिश में जेडीयू लगा हुआ है।
बिहार की राजनीतिक तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है। शनिवार 27 जनवरी को बैठकों का दिन है। भाजपा, कांग्रेस, आरजेडी ने अपने-अपने दलों की बैठक शनिवार को बुलाई है। दिल्ली की मीडिया की खबरों पर यकीन किया जाए तो नीतीश कुमार सोमवार तक कोई फैसला ले सकते हैं। दिल्ली का मीडिया रोजाना एक दिन बढ़ा देता है। पहले यह फैसला शुक्रवार को होना था, फिर शनिवार हुआ, उसके बाद यह रविवार से सोमवार तक पहुंच गया।
बिहार में जारी पलटी मार राजनीति पर अधिकांश विपक्षी नेताओं ने चिन्ता जताई है कि इससे विपक्ष की ताकत कम होगी। लेकिन टीएमसी अध्यक्ष और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस पर कुछ और ही सोच रही हैं। जानिएः
Satya Hindi news Bulletin | तेजस्वी यादव के बिना राजभवन जाने पर नीतीश क्या बोले? | बीजेपी के साथ नीतीश का शपथ ग्रहण 'तय', सुशील मोदी होंगे डिप्टी सीएम: रिपोर्ट
नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे । लालू को धोखा दे फिर मोदी के साथ जाने को तैयार । इँडिया गठबंधन के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात ? क्या बीजेपी के साथ जाना नीतीश की ज़िंदगी की सबसे बडी गलती होगी ? क्या बीजेपी नीतीश को फिर बने रहने देगी मुख्यमंत्री ? क्या लालू तोड़ देंगे जेडीयू?
सत्ता के चलते साख गंवा रहें हैं नीतीश! नीतीश इधर रहें या उधर जाएं पर उनकी राजनीतिक साख तो खत्म होती जा रही है.वे ऐसे नेता हैं जो पक्ष विपक्ष दोनों के निशाने पर आ चुके है. आज की जनादेश चर्चा.
नीतीश-लालू का अलग होना तय, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए फायदे का सौदा है, जिनके लिए भारत का विपक्षी गठबंधन आंखों की किरकिरी बना हुआ था।
अब बिहार की राजनीति क्या रूप लेती है, यह देखना काफी दिलचस्प होगा। लेकिन क्या नीतीश कुमार को फायदा होगा या नुकसान, यह तो समय ही बताएगा।
बिहार में सत्ता परिवर्तन की अटकलें और इसको लेकर राजनीति तेज हो गई हैं। इस बीच राजद सुप्रीमों लालू यादव ने अपनी पार्टी को इस संकट से उबारने के लिए खुद कमान संभाल ली है। राजद कोशिश कर रहा है कि नीतीश के पाला बदलने पर वह अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो जाए।
बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन को लेकर एक बार फिर से है चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस बदलते घटनाक्रम के बीच गुरुवार की रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई।
Satya Hindi news Bulletin | CM नीतीश के सारे कार्यक्रम रद्द, पटना बुलाए गए सभी MLAs! | बिहार में फिर हलचल- नीतीश के करीबी दिल्ली रवाना, BJP अध्यक्ष भी दिल्ली रवाना