प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर प्रदेश के चुनाव और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में हमले में क्या कुछ समानता है? क्या देनों नेताओं की महत्वाकांक्षाएँ एक जैसी हैं?
पेगासस के मामले में केंद्र सरकार एक बार फिर बुरी तरह घिर गई है। सवाल यह उठता है कि क्या जनता के धन से किसी भी सरकार द्वारा उसके ही ख़िलाफ़ जासूसी करने के हथियार ख़रीदे जा सकते हैं?
आज महात्मा गांधी की जयंती है, लेकिन गांधी के हत्यारे के समर्थक सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के जयकारे लगा रहे हैं। पढ़िए गांधी की पुण्यतिथि पर 26 जनवरी को लिखी गयी श्रवण गर्ग की सार्थक टिप्पणी।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने क्यों कहा कि मुख्यमंत्री पद का फ़ैसला पार्टी का आलाकमान नहीं बल्कि राज्य की जनता करेगी? क्या कांग्रेस में एक और संकट आ गया है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब में चुनावी रैली में शामिल होने जाने के दौरान उनके काफिले को फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट रुकना पड़ा। यह उनकी सुरक्षा में चूक तो है लेकिन क्या जान पर ख़तरा भी था?
पंजाब में बेअदबी के मामले और भीड़ हिंसा को लेकर जिस तरह के बयान आ रहे हैं और उस पर जिस तरह की चुप्पी है, क्या वे अच्छे संकते हैं? सजा अदालतें तय करेंगी या भीड़?
कंगना रनौत ने जब एक कार्यक्रम में कहा कि आज़ादी 1947 में नहीं बल्कि 2014 में मिली है तो तालियाँ बजाने वाले लोग कौन थे? आख़िर किसी ने भी खड़े होकर विरोध क्यों नहीं जताया?
हाल में 13 राज्यों में 29 विधानसभा सीटों और 3 लोकसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी को आख़िर क्यों हिला कर रख दिया है? जानिए, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग क्या लिखते हैं।