दुनिया में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी पर प्रधानमंत्री जिस तरह से प्रहार कर रहे हैं क्या उसका विपरीत असर उन मतदाताओं पर भी नहीं पड़ रहा होगा जिनकी गिनती मोदी-समर्थकों में होती है?
विपक्षी एकता और इतनी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर भाजपा अगर इतनी आश्वस्त ‘दिखाई’ पड़ती है तो उसके पीछे आख़िर बड़ा कारण क्या है?
वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जाने माने विशेषज्ञ वेदप्रताप वैदिक का पिछले साल आज ही के दिन यानी 14 मार्च को निधन हुआ था। जानिए, उनको कैसे याद करते हैं वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग।
गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही ग्वालियर में पार्टी-कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का मंत्र दिया कि 'कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले भाजपा में लाएँ'। तो क्या चुनाव में उपलब्धियाँ गिनाने को कुछ नहीं है इसलिए ऐसी रणनीति बन रही है?
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री के भाषणों से क्या संदेश जाता है? जनता से जुड़े मुद्दों पर संवाद के ज़रिए पार्टी को जीत हासिल कराने की कोशिश या पराजय को किसी भी क़ीमत पर स्वीकार नहीं करने का भाव?
प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी, दोनों को उनकी ही पार्टियों के तपे-तपाए नेताओं ने लोकसभा चुनावों के पहले से तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। तो क्या विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा?
प्रधानमंत्री मोदी का विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार क्या धीमा पड़ गया है? विधानसभा चुनावों के लिए सांसदों को क्यों उतारा गया है? और क्या यह पीएम मोदी की 2024 के लिए रणनीति है?
मोदी द्वारा इस दावे को लगातार दोहराते रहने के पीछे कि वे ही फिर से प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, कोई तो अदृश्य ताक़त या मंत्र काम कर रहा होगा? राहुल गांधी की क्या रणनीति है?
प्रधानमंत्री मोदी ने उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या का मामला क्यों उठाया? जिस राज्य में चुनाव हो, वहाँ इसका ज़िक्र करने का उनका मक़सद क्या था?
दुनिया के कई देशों में नागरिकों का लोकतंत्र से भरोसा उठ रहा है और वे तानाशाही वाले शासन के पक्ष में खड़े हो रहे हैं! क्या इंदौर (और प्रदेश) को उसी दिशा में ले जाया जा रहा है?
प्रधानमंत्री मोदी के अप्रत्याशित फ़ैसलों के प्रति लोगों के मन में क्या भाव रहता है? आख़िर चौंकाने वाले फ़ैसले क्या सिर्फ़ विपक्ष के लिए ही होते हैं या फिर आम लोगों के लिए भी?
कांस्टेबल चेतन सिंह द्वारा एक्सप्रेस में लोगों को गोलियों से भूनने के क्या मायने हैं? क्या इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए? क्या सरकार नागरिकों की असुरक्षा को भूल कर खुद की सुरक्षा में लग गई है?
वाराणसी में सर्व सेवा संघ और गांधी अध्ययन संस्थान को लेकर आख़िर क्या विवाद है? इसकी ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश कौन कर रहा है? जानिए, इसे बचाने का तरीका क्या हो सकता है।
विपक्षी एकता की बैठक होते ही यह सवाल बार-बार क्यों पूछा जा रहा है कि 2024 में पीएम पद का उनका उम्मीदवार कौन है? क्या पूछने वाले मान कर चल रहे हैं कि पीएम मोदी की वापसी नहीं होगी? जानें क्या है बीजेपी की योजना।
15 विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए पटना में हुई बैठक से क्या प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी बिल्कुल भी विचलित नहीं हैं? क्या इन विपक्षी दलों का साथ आना सामान्य राजनीतिक घटना है?
कर्नाटक में राहुल गांधी ने भाजपा के बजरंगबली के नारे को मोहब्बत की दुकान की धर्मनिरपेक्षता से चुनौती दी थी, लेकिन जबलपुर में कांग्रेस भी बजरंगबली के चरणों में हाज़िर हो गई !