रोजगार पैदा करने के तमाम दावों के बावजूद बेरोजगारी दर कम होती क्यों नहीं दिख रही है? एक के बाद एक आँकड़े बेरोजगारी बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। जानिए सीएमआईई ने अब ताज़ा आँकड़ों में क्या कहा है।
देश में बेरोजगारी की हालत कैसी है? यदि आप सिर्फ़ बेरोज़गारी दर के आधार पर आकलन कर रहे हैं तो आपको अपनी राय बदलनी पड़ सकती है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि निराश होकर अधिकतर लोगों ने नौकरी ढूंढनी ही छोड़ दी?
बेरोजगारी चुनावी मुद्दा भले न बना हो, अधिकतर मतदाताओं ने भले ही इस मुद्दे पर वोट नहीं दिया हो, लेकिन क्या देश में बेरोजगारी मसला नहीं है? जानिए सरकार के ही आँकड़े कितनी भयावह तसवीर पेश करते हैं।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । 2018-2020 के बीच 25 हजार लोगों ने बेरोजगारी और कर्ज के कारण जान दीः केंद्र । यूपी: कर्ज में डूबे कारोबारी और पत्नी ने खाया ज़हर, पत्नी की मौत