त्रिपुरा बीजेपी में लंबे वक़्त से बिप्लब देब के खिलाफ नाराज़गी की ख़बरें आ रही थीं। नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर राज्य की सियासत का माहौल गर्म है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को देशभर में किसानों ने विश्वासघात दिवस मनाया। मोर्चा ने कहा है कि वो 3 फरवरी को मिशन यूपी के अगले चरण की घोषणा करेगा। हम बीजेपी को हराए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। जानिए एसकेएम ने और क्या कहा।
पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को बीजेपी अभी भी मुद्दा बनाना चाहती है। आज शाम को जिस तरह बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बयान देने उतर पड़े, उससे यही लगता है। लेकिन इसकी एक खास वजह भी है, उसे जानिए इस पूरी स्टोरी में।
त्रिपुरा में हाल ही में हुई हिंसा और पत्रकारों पर की गई कार्रवाई के मामले की जांच चौंकाने वाली है। एडीटर्स गिल्ड आफ इंडिया की टीम ने वहां जाकर सारे मामले की जांच की। गिल्ड की रिपोर्ट जारी कर दी गई है। गिल्ड ने साफ कहा है कि वहां पत्रकारों पर पुलिस दमन सरकार के इशारे पर हुआ।
टीएमसी त्रिपुरा में अपने पैर जमाना चाहती है जबकि बीजेपी उसे रोकने में जुटी है। इस बीच स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे बताएंगे कि टीएमसी की स्थिति यहां कैसी है।
त्रिपुरा में 'राजनीतिक हिंसा' से क्या बीजेपी में मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं? बीजेपी विधायकों ने क्यों कहा कि पैराट्रूपर नेता अपनी लोकप्रियता के लिए माकपा से बीजेपी में आए गुंडों का इस्तेमाल चुनाव में कर रहे हैं?
ममता बनर्जी की कोशिश बंगाल के बाहर भी टीएमसी की सरकार बनाने की है और इसके लिए उनकी नज़र त्रिपुरा पर है। लेकिन बीजेपी टीएमसी को यहां पैर पसारने नहीं देना चाहती।
त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा की आंच महाराष्ट्र तक पहुंच गई है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस हो रही है। इससे जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करने जा रहा है।
त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट्स करने पर एफ़आईआर दर्ज कर यूएपीए लगा दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा।