क्या पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका है? क्या राज्य सरकार पर दवाब बनाने की रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है? ये सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की तारीख़ों का एलान भी नहीं किया गया है, लेकिन केंद्रीय सुरक्षा बल वहाँ पहुँचने वाली है। और यह राज्य चुनाव आयोग की माँग पर किया जा रहा है।
चुनाव पूर्व बंगाल में केंद्रीय बलों की 125 कंपनियों की तैनाती क्यों?
- पश्चिम बंगाल
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- 21 Feb, 2021
चुनाव आयोग की विशेष माँग पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की 125 कंपनियाँ 25 फरवरी को पश्चिम बंगाल पहुँच जाएंगी। हर कंपनी में 80 से 120 जवान होंगे और उनका प्रमुख एक कमांडेंट होगा।

चुनाव आयोग की विशेष माँग पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की 125 कंपनियाँ 25 फरवरी को पश्चिम बंगाल पहुँच जाएंगी। हर कंपनी में 80 से 120 जवान होंगे और उनका प्रमुख एक कमांडेंट होगा। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) की 60, शस्त्र सीमा बल की 30, सीमा सुरक्षा बल की 25 कंपनियाँ राज्य में तैनात की जाएंगी। इसके अलावा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) और इंडो टिबेटन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की पाँच-पाँच कंपनियाँ पश्चिम बंगाल भेजी जाएंगी।