अफ़ग़ानिस्तान में सरकार बनते ही तालिबान की सच्चाई सामने आने लगी है। इन दावों की पोल खुलने लगी है कि यह तालिबान 2.0 है, उदार है, पहले से अलग है, मध्य युगीन बर्बरता नहीं होगी वगैरह वगैरह।
अफ़ग़ानिस्तान : पत्रकारों पर कोड़े, तालिबान बेनकाब, लौट रहे हैं पुराने दिन!
- दुनिया
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- 9 Sep, 2021
तालिबान ने दो पत्रकारों को गिरफ़्तार कर उन्हें कोड़ों से बुरी तरह पीटा है। इससे संकेत मिलता है कि अफ़ग़ानिस्तान के पुराने दिन एक बार फिर आ रहे हैं।

अफ़ग़ानिस्तान में हुई कुछ ताज़ा घटनाओं ने साफ संकेत दे दिया है कि यह देश एक बार फिर 1996-2001 के युग की ओर लौट रहा है जब न पत्रकारों को काम करने की इजाज़त थी, न महिलाओं को कोई अधिकार था।
इसे इससे समझा जा सकता है कि तालिबान प्रशासन ने काबुल में दो पत्रकारों को निष्पक्ष रिपोर्टिेंग करने के लिए गिरफ़्तार किया और पुलिस हिरासत में उन्हें बुरी तरह पीटा।