हमने अपनी सुविधा के हिसाब से काल को दिन, महीनों और वर्षों में बाँट रखा है, लेकिन घटनाएं उनके दायरों में नहीं घटतीं या हम उन्हें वर्षों के अंदर नहीं बाँध सकते। बहुत सारे इतिहासकार मानते हैं कि बीसवीं सदी दरअसल, पहले विश्वयुद्ध के आगाज़ तथा सोवियत संघ की क्रांति से शुरू हुई थी और फिर समाजवादी देशों के पतन के साथ उसका अंत हुआ था। इसे उन्होंने छोटी सदी का नाम भी दिया था। इसी तरह कई इतिहासकार 21 सदी की शुरुआत भी 2001 के बजाय 1989 से मानते हैं।