22 मई 2004 को भारत के पास मौका था जब वह 24 अक्टूबर 2022 वाला इंग्लैंड बन चुका होता। लेकिन, 57 साल का भारतीय लोकतंत्र तब इस काबिल नहीं हो पाया था कि एक विदेशी मूल की महिला को प्रधानमंत्री स्वीकार कर सके। जाहिर है वह मौका हाथ से निकल गया।