देश की सर्वोच्च अदालत ने एक बार फिर जनहित में ईमानदार आलोचना पर अपना रुख साफ़ किया है। देश की सर्वोच्च अदालत के तीन जजों के अपने आदेश में कहा कि वकील प्रशान्त भूषण के सोशल मीडिया प्लेटफार्म में लिखे गये दो ट्वीट से भारत के करोड़ो लोगों के मनमस्तिष्क में सुप्रीम कोर्ट के प्रति सम्मान और विश्वास पर गहरा आघात पहुँचा है।
सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर माना कि प्रशांत भूषण ने अदालत की अवमानना की?
- विश्लेषण
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- 15 Aug, 2020

सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशान्त भूषण का अवमानना का दोषी पाया है और 20 अगस्त के लिए सजा पर फ़ैसला सुनाने की तारीख तय की है। लेकिन अदालत के फ़ैसले का आधार क्या है?