केंद्रीय मंत्री और बिहार से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने विधानसभा चुनाव के दौरान पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना का मुद्दा उठा कर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिन्ना, पाकिस्तान और मुसलमान, ये तीन ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें गिरिराज सिंह ही नहीं, बीजेपी के दूसरे बड़े नेता भी इसके पहले कई बार उठा चुके हैं। बीजेपी जिन्ना और पाकिस्तान का मुद्दा उठा कर ख़ास समुदाय को निशाने पर लेने की कोशिश करती है और इसके पीछे उसकी रणनीति सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की होती है। इससे उसे चुनावों में फ़ायदा होता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि खुद बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने अलग-अलग समय और शायद अलग-अलग कारणों से जिन्ना की तारीफ की है और ऐसा एक नहीं, कई बार हुआ है। इसके बावजूद बीजेपी चुनाव के पहले जिन्ना का जिन्न निकालने की कोशिश क्यों करती है, सवाल यह भी है।
बिहार चुनाव में जिन्ना के नाम पर ध्रुवीकरण कर रही है बीजेपी?
- बिहार
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- 17 Oct, 2020

मुहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बनने के बाद जो पहला भाषण दिया था, उसमें उन्होंने कहा था, 'आप देखेंगे कि वक़्त के साथ देश के नागरिक की हैसियत से हिन्दू, हिन्दू नहीं रहेगा मुसलमान, मुसलमान नहीं रहेगा। धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं क्योंकि ये हर व्यक्ति का व्यक्तिगत ईमान है, बल्कि सियासी हैसियत से।'