आगरा के पुराने नामों को क्यों ढूँढा जा रहा है? क्यों एक विश्वविद्यालय को यह ज़िम्मेदारी दी गई है कि वह इसके पुराने नामों के पुख्ता सबूत ढूँढे? क्या सरकार पुराने नामों में इस शहर के नए नाम का भविष्य ढूँढ रही है? इलाहाबाद और फ़ैज़ाबाद के बाद अब क्या आगरा के नाम बदले जाने की बारी है? और क्या नाम बदलने से इतिहास बदल जाएगा?