आगरा के पुराने नामों को क्यों ढूँढा जा रहा है? क्यों एक विश्वविद्यालय को यह ज़िम्मेदारी दी गई है कि वह इसके पुराने नामों के पुख्ता सबूत ढूँढे? क्या सरकार पुराने नामों में इस शहर के नए नाम का भविष्य ढूँढ रही है? इलाहाबाद और फ़ैज़ाबाद के बाद अब क्या आगरा के नाम बदले जाने की बारी है? और क्या नाम बदलने से इतिहास बदल जाएगा?
आगरा का नाम बदलकर किससे बदला लेना चाहती है सरकार?
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- 19 Nov, 2019

आगरा के पुराने नामों को क्यों ढूँढा जा रहा है? क्यों एक विश्वविद्यालय को यह ज़िम्मेदारी दी गई है कि वह इसके पुराने नामों के पुख्ता सबूत ढूँढे? क्या आगरा का नाम बदला जाएगा और क्या इसके बड़े फ़ायदे होंगे?
दरअसल, आगरा के डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीएयू) को आगरा के प्राचीन समय के नामों को ढूँढने के लिए निर्देश दिया गया है। ज़िला प्रशासन ने विश्वविद्यालय से यह भी कहा है कि यदि कुछ पुख्ता सबूत हैं तो उन्हें ढूँढा जाए। अब विश्वविद्यालय ने इतिहास विभाग को यह काम सौंप दिया है।
योगी आदित्यनाथ कई बार सार्वजनिक मंचों से दावा कर चुके हैं जिन शहरों-कस्बों के नाम पहले हिंदू नाम से जुड़े थे और बाद में उन्हें मुसलिमों के नाम पर कर दिया गया है उन्हें बदला जाएगा। वह यह बात उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भी करते थे और कई बार चुनाव जीतने के बाद भी कर चुके हैं।