अशोक विश्वविद्यालय में सब्यसाची दास के एक शोध से उठा तूफान थमता नहीं दिख रहा है। पहले तो शोध पर विवाद के बाद अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर सब्यसाची दास ने इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन बाद में उनके समर्थन में अर्थशास्त्र विभाग के एक अन्य प्रोफ़ेसर ने भी इस्तीफा दे दिया। इस बीच संकाय सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर शैक्षणिक स्वतंत्रता पर चिंता जताई। और अब राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र और मानव विज्ञान विभागों ने दास के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए बयान जारी किए हैं।
अशोक विवि में 'शैक्षणिक स्वतंत्रता' का मुद्दा ही क्यों छिड़ा?
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- 17 Aug, 2023
क्या शैक्षणिक आज़ादी का दायरा सीमित हो रहा है? अशोक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सब्यसाची दास के शोध को लेकर आख़िर इतना विवाद क्यों? जानिए, राजनीति विज्ञान विभाग समर्थन में क्यों आया।

राजनीति विज्ञान विभाग ने एक बयान में कहा है, 'अशोक विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग सर्वसम्मति से प्रोफेसर सब्यसाची दास के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता है। प्रोफेसर दास के काम से खुद को अलग करने के विश्वविद्यालय के रुख और उनके शोध की जांच करने के सरकारी परिषद के फैसले के बाद उन्होंने अर्थशास्त्र विभाग से इस्तीफा दिया।'