रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोमवार को जिस हाइपरसोनिक एयर ब्रीदिंग स्क्रैमजेट तकनीक का परीक्षण किया है इसकी बदौलत भारत आने वाले सालों में ऐसी क्रूज मिसाइलों का विकास कर सकेगा जो आवाज से छह गुना अधिक गति से दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकेंगी। इस गति से जाने वाली मिसाइल की कोई काट अब तक दुनिया में कहीं नहीं बनी है।
हाइपरसोनिक यान का परीक्षण करने वाला चौथा देश बना भारत
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- 8 Sep, 2020

डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने जिस एचएसटीडीवी का परीक्षण किया है, उसमें स्वदेशी स्क्रैमजट इंजन का इस्तेमाल किया गया है। यह तकनीक अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास में काम आएगी। एचएसटीडीवी के बारे में दावा किया गया है कि इसका विकास स्वतंत्र तौर पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने ही किया है। इसके अलावा स्क्रैमजेट इंजन तकनीक बैलिस्टक मिसाइलों और उपग्रहों के प्रक्षेपण में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
इस स्क्रैमजेट इंजन की बदौलत हाइपरसोनिक तकनीक प्रदर्शक यान (एचएसटीडीवी) का परीक्षण करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। हालांकि स्क्रैमजेट तकनीक का भारत में पहला प्रदर्शन पिछले साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एवं विकास संगठन (इसरो) ने 28 अगस्त को किया था लेकिन डीआरडीओ द्वारा सोमवार को परीक्षण किए गए तकनीक प्रदर्शक यान यानी एचएसटीडीवी का इस्तेमाल सैन्य कार्यों के लिये किया जाएगा। इसका परीक्षण ओडिशा के अब्दुल कलाम परीक्षण स्थल से किया गया।