वकील महमूद प्राचा ने देश में सभी चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से कराने का निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
उत्तर प्रदेश के रामपुर निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्राचा ने तर्क दिया है कि 1951 के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और 1961 के चुनाव संचालन नियमों के तहत सिर्फ मतपत्र का इस्तेमाल करके चुनाव कराने का कानून है।
EVMs v/s Ballot Paper: किन नियमों के तहत मतपत्र से चुनाव की मांग हो रही है
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 4 Apr, 2024
सुप्रीम कोर्ट में वकील महमूद प्राचा ने गुरुवार को याचिका दायर कर मांग की है कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं। सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम और वीवीपैट विवाद से संबंधित याचिका पर पहले से ही सुनवाई हो रही है। जानिए कि किन नियमों के तहत ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव की मांग की जा रही है।

देश में ईवीएम से मतदान तमाम सवालों के घेरे में है। विपक्ष बार-बार ईवीएम के जरिए धांधली के आरोप बार-बार लगा रहा है। इससे संबंधित कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। ईवीएम से जुड़ी वीवीपैट पर्चियों की सौ फीसदी गिनती कराने से संबंधित याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वीवीपैट वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों बाद सुनवाई की बात कही है। लेकिन वकील महमूद प्राचा ने अब नई याचिका दायर कर पूरा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की है।