भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों यानी डीजीएमओ ने हॉटलाइन पर बातचीत की। इसमें भारत ने नियंत्ररेखा यानी एलओसी पर पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अकारण संघर्ष विराम उल्लंघनों के खिलाफ सख्त चेतावनी दी। यह बातचीत पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुई। भारत ने न केवल राजनयिक कदम उठाए हैं, बल्कि सैन्य स्तर पर भी पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया है कि वह ऐसी उकसावे की कार्रवाइयों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव चरम पर है। इसके लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है। हमले के बाद भारत ने कई कठोर कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी सीमा चौकी को बंद करना, और पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करना शामिल है। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइंस के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने की धमकी दी।

इन तनावों के बीच, पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर लगातार चार रातों तक संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जिसमें कुपवाड़ा, पुंछ, नौशेरा, सुंदरबनी, और अखनूर जैसे क्षेत्रों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की गई।