भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से टेलीफोन पर बातचीत की। यह पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार की गई भारत और तालिबान के बीच उच्च-स्तरीय बातचीत है। यह न केवल कूटनीतिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक है, बल्कि यह भारत की अफगानिस्तान नीति और क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक अहम मोड़ का संकेत देती है। 

इस बातचीत के क्या मायने हैं और इसका क्या असर पड़ेगा, यह जानने से पहले यह जान लें कि एस जयशंकर ने क्या कहा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'आज शाम को अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। पहलगाम आतंकी हमले की उनकी निंदा की तहेदिल से सराहना करता हूँ। भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हाल के प्रयासों, झूठी और आधारहीन ख़बरों को उनकी दृढ़ अस्वीकृति का स्वागत किया। अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक मित्रता और उनके विकास की जरूरतों के लिए निरंतर समर्थन पर जोर दिया। सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीक़ों और साधनों पर चर्चा की।'