भारत-चीन सीमा विवाद के बीच यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि चीन को सबक़ कैसे सिखाया जा सकता है। पूर्व सेना प्रमुख और वर्तमान में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह का एक साक्षात्कार हाल ही में एक अंग्रेज़ी अख़बार में प्रकाशित हुआ है। बहुत कम लोगों की नज़र उस पर गई होगी क्योंकि सबसे महत्वपूर्ण सवाल साक्षात्कार के आख़िर में था। यह सवाल था : ‘प्रधानमंत्री ने कहा है कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।आपकी राय में चीन को उपयुक्त जवाब क्या हो सकता है?’
पाकिस्तान और चीन के मामले में अलग-अलग नीति क्यों?
- देश
- |
- |
- 24 Jun, 2020

भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख और और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जनरल वी. के. सिंह गलवान घाटी में चीन के द्वारा एक सोची-समझी साज़िश के तहत प्रारम्भ की गई हिंसक झड़प के बारे में तो विकल्पों की बात कर रहे हैं पर पाकिस्तान को लेकर उनका नज़रिया इसके ठीक विपरीत है। लेकिन क्या जनता से भी पूछ लिया गया है कि वह पाकिस्तान के साथ केवल युद्ध और चीन के साथ सभी विकल्पों के लिए अपने आप को तैयार रखे?
जनरल वी.के. सिंह के उत्तर का सार यह निकाला जा सकता है कि चीनी सामान के बहिष्कार की बात उठी है, उसी से शुरुआत की जा सकती है। चीन को सबक़ सिखाने के लिए सबसे पहले उसे आर्थिक रूप से चोट पहुँचाई जाए। बाक़ी उपाय बाद में हो सकते हैं। युद्ध और बल का प्रयोग अंतिम विकल्प के रूप में किया जा सकता है। जब बाक़ी सारी युक्तियाँ असफल हो जाती हैं तब आप इसका उपयोग करते हैं। अभी कई विकल्प उपलब्ध हैं।’ चर्चा इस पर भी होनी चाहिए कि चीन को सबक़ सिखाने के लिए भारत के पास क्या विकल्प हैं।