कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज 15 जुलाई को पीएम मोदी पर मणिपुर को लेकर तीखा हमला बोला। राहुल का कहन है कि मणिपुर जल रहा है, प्रधानमंत्री चुप और अब जब इस पर यूरोपियन यूनियन की संसद ने चर्चा करके आलोचना की है, तब भी प्रधानमंत्री चुप हैं। पीएम मोदी इस समय विदेश यात्रा पर हैं। वो दो दिन की फ्रांस यात्रा के बाद यूएई की यात्रा पर हैं। राहुल गांधी का यह हमला विपक्षी एकता बैठक से पहले आया है। राहुल का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फ्रांस भी यूरोपियन यूनियन का सदस्य है। देखा जाए तो यूरोपियन यूनियन की संसद ने मणिपुर पर जो प्रस्ताव पास किया है, उससे फ्रांस भी सहमत है।
मणिपुर को लेकर राहुल गांधी का पीएम मोदी पर तीखा अटैक
- देश
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- 29 Mar, 2025
मणिपुर पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज शनिवार को फिर तीखा अटेक किया है।

'यह महज़ संयोग नहीं...'
बीजेपी ने राहुल गांधी के ट्वीट पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि राहुल गांधी के लंदन दौरे के तुरंत बाद ईयू संसद ने मणिपुर का मुद्दा उठाया।\r\n ताजा ख़बरें भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि \"राहुल गांधी लंदन जाते हैं और भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की मांग करते हैं। फिर वह मणिपुर में दुर्भाग्यपूर्ण संघर्ष का राजनीतिकरण करते हैं, जो पूरी तरह से कांग्रेस की विरासत है। फिर वो (राहुल) मणिपुर का दौरा करते हैं और इसके बाद हम देखते हैं कि एक विदेशी शक्ति इस मुद्दे पर फैसला सुनाना चाहती है। यह भारत का आंतरिक मामला है। दिलचस्प बात यह है कि यूरोपीय संघ की संसद ने फ्रांस में हाल के दंगों पर कोई बहस या चर्चा नहीं की।\"
\r\n\r\nIt can’t be a mere coincidence that EU Parliament proposed to debate the conflict in Manipur, which it has no business venturing into, soon after Rahul Gandhi visits the state. Lets look at the sequence of events.
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 15, 2023
Rahul Gandhi goes to London and seeks foreign intervention in… https://t.co/IeuViSGmRx pic.twitter.com/CCwdL7JvWz
यूरोपियन यूनियन की संसद का प्रस्ताव क्या है
उधर, पीएम मोदी की यात्रा से ठीक पहले, यूरोपीय संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत सरकार से मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए प्रयास तेज करने को कहा गया। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि यूरोपीय संघ द्वारा मणिपुर पर प्रस्ताव उसकी औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, \"भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।\" बागची ने कहा कि \"न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं और शांति और सद्भाव तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं। यूरोपीय संसद को सलाह दी जाती है कि वह अपने आंतरिक मुद्दों पर अपने समय का अधिक सदुपयोग करे।\" \r\n
भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि भारत ने मणिपुर पर प्रस्ताव से पहले यूरोपीय संघ के सांसदों से संपर्क किया था, और बताया था कि यह भारत का 'आंतरिक मामला' है।\r\n\r\n
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पीएम मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा का जिक्र बार-बार किया लेकिन मणिपुर पर यूरोपियन यूनियन संसद में हुई चर्चा पर वो नहीं बोले। मोदी ने कहा- “फ्रांस की यह यात्रा यादगार रही। इसे और भी विशेष बना दिया गया क्योंकि मुझे बैस्टिल दिवस समारोह में भाग लेने का अवसर मिला। भारतीय दल को परेड में गौरवपूर्ण स्थान पाते देखना अद्भुत था। मैं असाधारण गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए राष्ट्रपति @EmmanuelMacron और फ्रांसीसी लोगों का आभारी हूं। भारत-फ्रांस की दोस्ती आगे बढ़ती रहे!” \r\n