सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम यानी एफ़सीआरए 2010 के मामले में केंद्र को एक बड़ी राहत दी है। अदालत ने इस अधिनियम के प्रावधानों में कुछ संशोधनों की वैधता को बरकरार रखा है। ये संशोधन सितंबर 2020 में लागू किये गये थे। अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि विदेशी योगदान के दुरूपयोग के पिछले अनुभव के कारण सख़्त नियम ज़रूरी हो गया था।
FCRA में संशोधन मंजूर; विदेशी चंदा लेना संपूर्ण अधिकार नहीं- सुप्रीम कोर्ट
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- 8 Apr, 2022
क्या गैर सरकारी संगठनों द्वारा विदेशी चंदा लेने से देश की राजनीति प्रभावित हो सकती है और संप्रभुता पर आँच आ सकती है? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने एफ़सीआरए में संशोधन पर क्या कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने संशोधनों को मंजूरी देते हुए कहा कि वे अनिवार्य रूप से सार्वजनिक व्यवस्था और आम जनता के हित में विचार किए गए थे क्योंकि इसका उद्देश्य दुरुपयोग को रोकना है। एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के मूल्यों की रक्षा के लिए विदेशी स्रोतों से आने वाले विदेशी चंदे के दुरुपयोग को रोकना ज़रूरी है।