तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा एजी पेरारिवलन की माफी याचिका को राष्ट्रपति के पास भेजे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। इसने कहा है कि जब उस याचिका के मामले में तमिलनाडु के मंत्रिपरिषद ने अपनी सिफारिश पहले ही भेज दी थी तब राज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति के पास पास क्यों भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक सही मिसाल नहीं होगी और यह प्रथम दृष्टया संविधान द्वारा परिकल्पित संघीय ढांचे पर हमला है।
कैबिनेट के फ़ैसले राज्यपाल राष्ट्रपति को भेजें तो संघवाद के लिए झटका: SC
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- 28 Apr, 2022
क्या राज्यों की कैबिनेट के फ़ैसले को राज्यपाल राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं और ऐसा करना क्या संघीय ढाँचे के लिए सही है? जानिए पेरारिवलन की माफी याचिका के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से टिप्पणी की, 'यह एक बुरी मिसाल कायम करता है। यह देश के संघीय ढांचे पर प्रहार करता है। आप यह नहीं कह सकते कि अगर वह (मंत्रिपरिषद) तय नहीं कर सकता है तो वह (राज्यपाल) इसे राष्ट्रपति को भेज देगा।' न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन की माफी (सजा कम करने) की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।