तीन तलाक़ विधेयक पर संसद में घमासान मचा है तो संसद के बाहर भी कम चर्चा नहीं है। जब लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा चल रही थी तो सदन के बाहर भी कई लोग ऐसे भी हैं जो महिलाओं को तलाक़ का हक़ देने की बात कह रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या महिलाओं को भी यह अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए?
महिलाओं को क्यों नहीं दिया तलाक़ देने का हक़?
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- 22 Jun, 2019

तीन तलाक़ विधेयक पर जब लोकसभा में चर्चा चल रही थी तो सदन के बाहर कई लोग ऐसे भी हैं जो महिलाओं को तलाक़ का हक़ देने की बात कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या महिलाओं को भी यह अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए?
इसलामी क़ानून के जानकार और ऑल इंडिया मुशावरात कमेटी के महासचिव अब्दुल हमीद नोमानी मानते हैं कि मोदी सरकार का यह विधेयक अधूरा है क्योंकि इसमें महिलाओं को तलाक़ देने या तलाक़ लेने का अधिकार नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि इसलामी शरीयत महिलाओं को ख़ुला के रूप में अपने पति से तलाक़ लेने का भी अधिकार देती है और वह ख़ुद अपने पति को तलाक़ देने का अधिकार रखती है। उनके मुताबिक़ इस विधेयक में इस प्रावधान को भी शामिल किया जाए। इस प्रावधान को शामिल करके सरकार इस विधेयक को सही मायनों में महिलाओं का सशक्तिकरण करने वाला बना सकती है। यहाँ सवाल उठता है कि आख़िर इस विधेयक में क्या है और किन मुद्दों पर विवाद है?