नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को एक बार फिर 'ट्रिपल तलाक़' विधेयक लोकसभा में पेश किया, जिसे संसद ने पारित भी कर दिया। कांग्रेस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुत्ताहिद-ए-मुसलमीन और कुछ अन्य दलों ने इसका पुरज़ोर विरोध किया। यहाँ तक कि सत्तारूढ़ दल की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने भी संसद में बहस के दौरान इसका विरोध किया। एक बार फिर मुसलिम समाज में एक साथ तीन तलाक़ देने की प्रथा और महिलाओं के अधिकारों को लेकर बहस छिड़ गई है।