भारत में भले ही एक साथ तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ विधेयक पर हंगामा मचा है, लेकिन दुनिया के कई देशों में इस पर पूरी तरह प्रतिबंध है। दुनिया के दूसरे कोने की बात छोड़िए, भारत के पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका उन देशों में से हैं, जिन्होंने तलाक़ के लिए मुसलिमों में प्रचलित एक साथ ‘तीन तलाक़’ बोलने की प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है। दुनिया के 20 से ज़्यादा देशों में तीन तलाक़ पर प्रतिबंध लगा है। यहाँ सवाल खड़ा होता है कि भारत में क़ानून के कुछ प्रावधानों को लेकर मुसलमानों को ही आपत्ति है, लेकिन दुनिया के उन देशों में क्यों आपत्ति नहीं हैं जिन्होंने तीन तलाक़ को हटा दिया है? भारत में सबसे ज़्यादा इस बात पर आपत्ति है कि एक साथ तीन तलाक़ पर संबंधित व्यक्ति को तीन साल की सजा का प्रावधान है। तो क्या हैं उन देशों में तीन तलाक़ पर क़ानून और क्या हैं उनमें प्रावधान कि उसका विरोध नहीं है?