रिज़र्व बैंक के जिस रिज़र्व सरप्लस को लेकर केंद्रीय बैक और केंद्र सरकार के बीच काफ़ी दिनों से रस्साकशी चल रही थी और अंतत: गवर्नर उर्जित पटेल को पद छोड़ना पड़ा था, अब सरकार ने इस दिशा में पहली बाधा पार कर ली है। वैसे तो शक्तिकांत दास के गवर्नर बनते ही इस बात की संभावना बढ़ गई थी कि रिज़र्व सरप्लस सरकार को देने की दिशा में क़दम जल्द उठ सकता है। अब बिमल जालान की अध्यक्षता में छह सदस्यों की एक समिति बनाई गई है जो इस मुद्दे पर फ़ैसला करेगी कि रिज़र्व बैंक का इकनॉमिक फ्रेमवर्क क्या हो और सरकार को सरप्लस दिया जाए या नहीं, और दिया जाए तो कितना।