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फ़ोटो साभार: ट्विटर/@BZZameerAhmedK

महिलाएँ हिजाब नहीं पहनतीं इसलिए रेप केस बढ़े: कर्नाटक कांग्रेस विधायक

कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच बीजेपी विधायक के बाद अब कांग्रेस विधायक ने बलात्कार पर विवादित बयान दिया है। कर्नाटक के एक कांग्रेस विधायक ज़मीर अहमद ने कहा कि भारत में बलात्कार की दर सबसे अधिक है क्योंकि कुछ महिलाएँ हिजाब नहीं पहनती हैं।

ज़मीर अहमद ने एएनआई से बातचीत में कहा, 'इसलाम में हिजाब मतलब पर्दा। यह लड़कियों के बड़ा होने पर उनकी खूबसूरती को छुपाने के लिए होता है। आज आप देख सकते हैं कि हमारे देश में रेप की दर सबसे ज़्यादा है। आपको क्या लगता है इसका कारण क्या है? इसका कारण यह है कि कई महिलाएँ हिजाब नहीं पहनती हैं।' ऐसे ही तर्कों के साथ उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है, केवल वे जो अपनी रक्षा करना चाहती हैं और जो अपनी सुंदरता सभी को नहीं दिखाना चाहती हैं, वे इसे पहनें। यह वर्षों से प्रचलन में है।'

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ज़मीर अहमद का यह बयान तब आया है जब कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने को लेकर विवाद है। कुछ छात्राएं चाहती हैं कि उन्हें कक्षाओं में भी हिजाब पहनने की आज़ादी हो, लेकिन कई जगहों पर स्कूल-कॉलेज प्रबंधन इस पर रोक लगाना चाहते हैं। विरोध में हिंदू छात्रों के भगवा गमछा डालकर स्कूल-कॉलेज जाने के बाद कर्नाटक सरकार कह रही है कि स्कूल कॉलेजों में यूनिफॉर्म ड्रेस ही चलेगी, न तो हिजाब और न ही भगवा गमछा को अनुमति दी जाएगी। 

ज़मीर अहमद के बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि 'प्रियंका वाड्रा का कहना है कि महिलाओं को बिकिनी समेत जो चाहें पहनने (स्कूल जाने) के लिए स्वतंत्र होना चाहिए। उधर, कांग्रेस विधायक जमीर अहमद का कहना है कि बुर्का न पहनने वालों ने रेप को न्यौता दिया है। इस तरह की प्रतिगामी मानसिकता महिलाओं के प्रति कांग्रेस की घोर उपेक्षा को दर्शाती है।'

कपड़ों की वजह से रेप बढ़े: बीजेपी विधायक

इसी हिजाब विवाद के बीच अभी कुछ दिन पहले कर्नाटक के ही बीजेपी विधायक ने भी विवादित बयान दिया था। एमएलए रेणुकाचार्य ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा था कि महिलाओं के कपड़ों की वजह से रेप बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह बयान प्रियंका गांधी की उस टिप्पणी पर दिया था जिसमें उन्होंने कर्नाटक में मुसलिम छात्राओं के हिजाब के समर्थन में कहा था कि 'चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है।'

प्रियंका गांधी ने कहा था कि एक महिला जो चाहती है उसे पहनने के अधिकार की गारंटी भारत के संविधान द्वारा दी गई है। प्रियंका गांधी के इसी ट्वीट के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए रेणुकाचार्य ने ट्वीट में कांग्रेस नेता के बयान की आलोचना की थी और कहा था कि 'बिकनी' शब्द का इस्तेमाल ग़लत है।

रेणुकाचार्य ने इंडिया टुडे से कहा, "'बिकनी' जैसे शब्द का उपयोग करना एक निम्न स्तर का बयान है। कॉलेज में पढ़ते समय बच्चों को पूरी तरह से कपड़े पहनाए जाने चाहिए। आज महिलाओं के कपड़ों के कारण बलात्कार बढ़ रहे हैं क्योंकि पुरुष उत्तेजित होते हैं। यह सही नहीं है। हमारे देश में महिलाओं का सम्मान है।"

सोशल मीडिया पर उनके बयान पर तीखी आलोचना हुई थी। किसी ने उनके इस बयान को 'संघी मानसिकता' क़रार दिया था तो किसी ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोपों का हवाला देते हुए टिप्पणी की थी। 

वैसे, बलात्कार पर दूसरे कई नेताओं ने भी विवादित बयान दिए हैं। उत्तर प्रदेश के चर्चित विधायक सुरेंद्र सिंह ने पहले कहा था कि बलात्कार की घटनाएँ सिर्फ़ बेटियों को संस्कार देने से ही रुक सकती हैं। हाथरस मामले के बाद बलात्कार जैसी घटनाओं का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा था ‘ये घटनाएं संस्कार से ही रुक सकती हैं, शासन और तलवार से नहीं रुक सकतीं। सभी माता-पिता का धर्म है कि अपनी जवान बेटी को एक संस्कारित वातावरण में रहने, चलने और शालीन व्यवहार प्रस्तुत करने का तरीक़ा सिखाना चाहिए। ये सभी का धर्म है।’
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क़मर वहीद नक़वी
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