19 फ़रवरी, 2019। यह तारीख़ हिंदी साहित्य की अपूरणीय क्षति के रूप में याद की जाती रहेगी। क्योंकि इसी तारीख़ को हिंदी के विद्वान नामवर सिंह ने दिल्ली के एम्स में 93 साल की उम्र में अंतिम साँस ली। वह पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे।
अब ना होगा कोई और नामवर
- साहित्य
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- 20 Feb, 2019

19 फ़रवरी, 2019। यह तारीख़ हिंदी साहित्य की अपूरणीय क्षति के रूप में याद की जाती रहेगी। क्योंकि इसी तारीख़ को हिंदी के विद्वान नामवर सिंह ने दिल्ली के एम्स में 93 साल की उम्र में अंतिम साँस ली।
नामवर सिंह का जन्म बनारस के जीयनपुर गाँव में हुआ था। हिंदी में आलोचना विधा को नयी पहचान देने वाले नामवर सिंह ने अपने लेखन की शुरुआत कविता से की और 1941 में उनकी पहली कविता ‘क्षत्रियमित्र’ पत्रिका में छपी। हिंदी साहित्य में एमए व पीएचडी करने के बाद उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाना शुरू किया।